Bihar Tourism: कल-कल नदियां, झरने और पहाड़, रोहतास में प्रकृति का आनंद उठाने से न चूकें
Bihar Tourism रोहतास जिला को प्रकृति व पुरुखों ने खुब संवारा है। एक तरफ जहां कल-कल नदियां झरने पहाड़ों की हरियाली पहाड़ की ऊंचाई से गिर रहे झरनों से धुंआ जैसा दृश्य हर पर्यटक को आकर्षित करता है।
जागरण संवाददाता, सासाराम। रोहतास जिला को प्रकृति व पुरुखों ने खुब संवारा है। एक तरफ जहां कल-कल नदियां, झरने, पहाड़ों की हरियाली, पहाड़ की ऊंचाई से गिर रहे झरनों से धुंआ जैसा दृश्य हर पर्यटक को आकर्षित करता है। वहीं, आदिवासी संस्कृति व देश के प्रसिद्ध किलों में से एक रोहतास गढ़ किला, पहला भूमिगत किला शेरगढ़, भारत की गद्दी पर बैठने वाले शेरशाह सूरी का तालाब के बीचोबीच बना रौजा यहां बरबस ही आपको खींच लेगा। हालांकि यहां भले ही अन्य प्रसिद्ध टूरिस्ट स्पाट जैसी सुविधाएं नहीं है बावजूद उसकी रमणीयता किसी वैश्विक टूरिस्ट स्पाट से कम नहीं।
तुतला भवानी धाम इको टूरिरिज्म के रूप में आज जाना जा रहा है तो वही रोहतासगढ़ किला, मांझर कुंड व दुर्गावती जलाशय समेत अन्य स्थलों को एडवेंचर टूरिज्म के रूप में विकसित किया जा रहा है। कैमूर पहाड़ी पर इको टूरिज्म विकसित करने के लिए कैंपिंग भी किया जा रहा है। जबकि पायलट बाबा धाम बौद्ध भिक्षुओं के अलावा अन्य पर्यटकों लिए पसंद का बना हुआ है। तभी तो यहां के लोग कह रहे हैं कि एक बार तो आइए रोहतास में। इसे बचाइए, लोगों तक पहुंचाइए ताकि बिहार की यह धरती पर्यटक स्थल के रूप में अपना स्थान वैश्विक स्तर पर बना पाए।
पर्यटन विभाग से सहमति के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सौ पर्यटन स्थलों में सासाराम को भी शामिल किया है। एक भारत, श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस जिले को फुटफाल्स के लिए चयनित किया गया है। जहां पर अब देश भर के कालेज व विश्वविद्यालय में पढऩे वाले विद्यार्थीयहां आएंगे और पर्यटन स्थलों के इतिहास को जानेंगे। इस पर यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों को अमल कराने का भी निर्देश दे चुका है। इसके इतिहास, पुरातात्विक महत्व व परंपराओं से अवगत होंगे।
रमणिक हैं रोहतास के पर्यटन स्थल
गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय जमुहार के सचिव गोविंद नारायण सिंह कहते हैं कि रोहतास में झरने, पहाड़, किला, जलाशय के अलावा कई पुरातात्विक, धार्मिक महत्व के स्थल हैं। एक साथ यह कम जगह देखने को मिलता है। हाल ही में कैमूर पहाड़ी पर कैंपिंग की शुरुआत की गई है। उनका भी प्रयास है कि पर्यटक सुविधाएं विकसित कर रोहतास की खूबसूरती को वैश्विक पटल पर लाया जाए।
कहते हैं डीएफओ
डीएफओ प्रद्युमन गौरव ने कहा कि वाकई में रोहतास में कई पुरातात्विक व धार्मिक स्थलों के अलावा झरने, जलप्रपात, पहाड़ दर्शनीय है। तुतला भवानी, मांझर कुंड, दुर्गावती जलाशय आदि जगहों पर इको टूरिज्म विकसित किया जा रहा है। पहुंचने के लिए रास्ते का निर्माण व अन्य सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। इको विकास समिति के माध्यम से विकसित करने का प्रस्ताव भी है। इसे विकसित किया जाए तो देश-विदेश के महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों में रोहतास का नाम होगा।