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गया के फतेहपुर में मुखिया पद पर चार नए चेहरों ने मारी बाजी

फतेहपुर। फतेहपुर में देर रात तक पंचायत चुनाव को लेकर गहमागहमी का माहौल बना रहा। लोग परिणाम जानने को उत्सुक दिखे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 11:11 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 11:11 PM (IST)
गया के फतेहपुर में मुखिया पद पर चार नए चेहरों ने मारी बाजी
गया के फतेहपुर में मुखिया पद पर चार नए चेहरों ने मारी बाजी

फतेहपुर। फतेहपुर में देर रात तक पंचायत चुनाव को लेकर गहमागहमी का माहौल बना रहा। लोग अपने पसंदीदा प्रत्याशियों का परिणाम जानने के लिए मतगणना केंद्र के बाहर भारी संख्या में जुटे रहे। कई लोग फोन व अन्य माध्यमों से परिणाम की जानकारी लेते देखे गए। मंगलवार की देर रात तक प्रखंड की 15 पंचायतों के मुखिया प्रत्याशियों के परिणाम घोषित हो गए। वहीं, तीन जिला पार्षद पद के भी विजेताओं का नाम घोषित कर दिया गया। मुखिया में जहां चार नए प्रत्याशी ने बाजी मारी तो जिला परिषद में तीनों नये चेहरे चुनाव जीते हैं।

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प्रखंड के सलैया कला, डुमरीचचटी, दक्षिणी लोधवे, नगवां में नए प्रत्याशियों ने सफलता पाई। वहीं, जिला पार्षद क्षेत्र संख्या 40,41,42 से तीनों नए प्रत्याशी ने बाजी मारी है, वीरेंद्र साव, प्रेम कुमार पहली बार चुनाव में उतरे थे, जबकि श्वेता यादव दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरी थी। वहीं पंचायत समिति सदस्य के लिए खबर लिखे जाने तक प्रखंड प्रमुख अनीता देवी मोरहे एवं पहाड़पुर से कुमारी उमदा दूसरी बार विजेता बनी है। जबकि चरोखरी गढ़, सलैयाकला, भारे, नीमी, डुमरीचटटी, धरहारा कला पंचायत सहित 12 नये प्रत्याशियों ने बाजी मारी। देर रात तक मतगणना का कार्य जारी है। वहीं जीत की खुशी में आतिशबाजी कई गांवों में शुरू है। वहीं हारने वाले प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों के बीच निराशा के भाव हैं।

मनीष ने पहले प्रयास में ही वर्षो से मुखिया रहे विश्वंभर को हराया

फतेहपुर। प्रखंड की डुमरीचटटी पंचायत के मुखिया पद की सीट हाट सीट थी। यहां मुखिया के लिए पहली बार चुनाव में उतरे 30 साल के मनीष कुमार की टक्कर 55 साल से सत्ता पर काबिज एक परिवार से थी। विश्वंभर यादव डुमरीचटटी पंचायत में चार दशक तक मुखिया रहे। पिछले 15 साल से उनकी पुत्र वधू रंजू रानी मुखिया पद पर काबिज रही। मात्र तीस साल के मनीष कुमार ने पहले ही चुनाव में 1365 मतों से जीत हासिल साढ़े पांच दशक का मिथक का तोड़ दिया। मनीष ने बताया कि उनकी जीत पूरे डुमरीचटटी पंचायत की जनता की जीत है। डुमरीचटटी के रुके विकास को आगे लेकर जाना मेरी प्राथमिकता होगी। राजनीतिक के कारण उन्हें विरोधियों ने जेल भेजा, पर जनता ने अपार समर्थन देकर सत्य को जिताया। गौरतलब हो कि मनीष कुमार की मां डुमरीचटटी पंचायत की दो बार सरपंच रह चुकी हैं। फतेहपुर के दिग्गज अरुण दादपुरी पंचायत समिति का चुनाव हारे

गया। फतेहपुर के पंचायत चुनाव में इस बार एक बड़ा परिणाम सामने आया है। बीते 17 सालों से फतेहपुर प्रखंड की राजनीतिक धुरी माने जाने वाले उप प्रमुख अरुण दादपुरी नौडिहा झुरांग क्षेत्र से पंचायत समिति का चुनाव हार गए हैं। यह अब तक की सबसे बड़ी उलटफेर है। अरुण दादपुरी जहां दो साल तक प्रमुख पद पर सुशोभित रहे। उनकी स्थानीय राजनीति में मजबूत पैठ मानी जाती है। उनके समर्थक पिछले 15 साल से प्रखंड प्रमुख पद पर कार्यरत रहे। यह हार पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी है। चार बार के चुनाव में अलग-अलग पंचायतों से जीत दर्ज की थी।


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