Bihar Panchayat Chunav 2021: बैनर-पोस्टर लगाने पर प्रतिबंध से कैमूर में इंटरनेट मीडिया बना प्रचार का साधन
Bihar Panchayat Chunav 2021 निर्वाचन आयोग द्वारा बैनर-पोस्टर पर प्रतिबंध लगाने के बाद इंटरनेट मीडिया उनके लिए प्रचार-प्रसार का सबसे सशक्त माध्यम बना हुआ है। भावी उम्मीदवार व उनके समर्थक फेसबुक वाट्सएप ट्विटर व मैसेंजर जैसे साइटों पर प्रचार कर रहे हैं।
रामपुर (कैमूर), संवाद सूत्र। Bihar Panchayat Chunav 2021: पंचायत चुनाव के तारीखों का ऐलान होने के बाद गांवों में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। कुल छह पदों के लिए होने वाले चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रत्याशी मैदान में तैयारियों के साथ कूद गए हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा बैनर-पोस्टर पर प्रतिबंध लगाने के बाद इंटरनेट मीडिया उनके लिए प्रचार-प्रसार का सबसे सशक्त माध्यम बना हुआ है। भावी उम्मीदवार व उनके समर्थक फेसबुक, वाट्सएप, ट्विटर व मैसेंजर जैसे साइटों पर प्रचार कर रहे हैं। पिछले चुनावों की अपेक्षा इस बार प्रचार करने के तरीके पूरी तरह हाईटेक हो गए हैं।
दावेदार सोशल मीडिया का जमकर कर रहे प्रयोग
लंबे अवधि के बाद वर्ष 2001 में पहली बार पंचायत चुनाव हुआ था। तब प्रचार का माध्यम लोगों से जनसंपर्क ही था। लेकिन अब पंचायत चुनाव में इंटरनेट मीडिया भी काफी अहम हो चुका है। मुखिया, बीडीसी व सरपंच के साथ जिला परिषद के दावेदार भी सोशल मीडिया का जमकर प्रयोग कर रहे हैं। अधिकांश प्रत्याशी ऐसे भी हैं, जो मोबाइल के सहारे अपने पंचायत को विकसित करने के दावे भी कर रहे हैं। उनकी यह मुहिम आम मतदाताओं को कितना प्रभावित करेगी, फिलहाल यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन पंचायत की चुनावी बाजी फतह करने के लिए सोशल मीडिया पर प्रत्याशियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और वाक युद्ध का दौर जारी हो गया है। अपने को अव्वल साबित करने में कोई भी उम्मीदवार कसर छोडऩा नहीं चाह रहा है।
अपने-अपने प्रत्याशियों का समर्थक कर रहे हैं प्रचार :
पंचायत चुनाव की सरगर्मी बढ़ते ही संभावित दावेदार गांव के मतदाताओं के साथ मोबाइल पर व्हाट््सऐप, व फेसबुक ग्रुप बना लिए हैं। इससे उन्हें उन ग्रुपों से प्रचार करने में काफी सहूलियत मिल रही है। प्रत्याशियों के समर्थक सोशल मीडिया के उन ग्रुपों में अधिक से अधिक मतदाताओं को जोड़ रहे हैं, ताकि मतों का आकलन या अनुमान सटीक तरीके से लगाया जा सके। सबसे खास बात यह है कि उन ग्रुपों में समर्थित लोग दूसरे प्रत्याशियों के नाकामियों एवं कमजोरियों की भी सूचनाएं शेयर कर अपने चहेते का मनोबल बढ़ा रहे हैं। हालांकि रामपुर प्रखंड में चुनावी हलचल थोड़ी कम है। चूंकि, यहां सातवें चरण के तहत आगामी 15 नवंबर को मतदान होना है।