नीति आयोग की एसडीजी रैंकिंग में सबसे निचले पायदान पर बिहार, रोहतास में कांग्रेस ने उठाए सवाल
हाल ही में जारी नीति आयोग की एसडीजी रैंकिंग में केरल टॉप पर है तो सबसे निचले पायदान पर बिहार है। इससे बिहार का पिछड़ापन उजागर हुआ है। रोहतास में कांग्रेस ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं। जानिए मामला।
रोहतास, जागरण संवाददाता। नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों की ताजा एसडीजी रैंकिंग के आने के बाद बिहार में सियासत गरमा गई है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य मनोज सिंह ने कहा है कि अब नीति आय़ोग की ताजा रिपोर्ट ने बिहार की स्थिति की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि नीति आय़ोग केंद्र सरकार की सबसे प्रमुख संस्था है। इसकी रिपोर्ट में बिहार लगातार तीसरे वर्ष निचले पायदान पर है। इसपर सरकार में शामिल दोनों दलों के नेताओं को जनता के समक्ष स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
पहले की तरह ही नीचे है बिहार
नीति आयोग ने अपने एसडीजी इंडिया इंडेक्स एंड डेशबोर्ड 2020-21 के तीसरे संस्करण में केरल को नंबर वन स्थान पर रखा है। इस सूची में बिहार पहले की ही तरह सबसे नीचे है। स्पष्ट है कि बिहार निर्धारित मानको पर बिहार का प्रदर्शन बेहद खराब है। यह रिपोर्ट राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आर्थिक और पर्यावरण आंकलन के आधार पर बनाई गई है। रिपोर्ट में केरल को सर्वाधिक 75 अंक मिले हैं। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में बिहार के अलावा असम और झारखंड भी हैं।
जदयू ने की है विशेष दर्जा की मांग
इस रिपोर्ट पर विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरती रहीं हैं। कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर भी इसका विरोध जताया है। वहीं बिहार में जदयू ने इसको लेकर राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग की है। उनका कहना है कि बिहार को जबतक विशेष दर्जा नहीं मिल जाता तब तक इसे दूसरे विकसित राज्यों की श्रेणी मे लाना मुश्किल है। इसको लेकर एक बार फिर राज्य की राजनीति में गरमाहट आ गई है। यह कुछ दिनों तक चलने की उम्मीद है।