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सावधान रहें, आशा दीदी बन घर में घुस रहीं बच्‍चा चोर महिलाएं, 30 घंटे बाद भी नहीं मिला नवजात का सुराग

सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष से नवजात की चोरी हुए करीब 30 घंटे बीत गए परंतु अभी तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। स्वजन से लेकर अधिकारी तक बच्चा की खोज कर रहे हैं परंतु खबर प्रेषण तक नहीं मिल सका है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 05:37 PM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 05:37 PM (IST)
सावधान रहें, आशा दीदी बन घर में घुस रहीं बच्‍चा चोर महिलाएं, 30 घंटे बाद भी नहीं मिला नवजात का सुराग
चोरी गए नवजात का अब तक नहीं मिला सुराग। प्रतीकात्‍मक चित्र।

जागरण टीम, औरंगाबाद। सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष से नवजात की चोरी हुए करीब 30 घंटे बीत गए परंतु अभी तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। स्वजन से लेकर अधिकारी तक बच्चा की खोज कर रहे हैं परंतु खबर प्रेषण तक नहीं मिल सका है। बता दें कि सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष से बुधवार दोपहर को नवजात की चोरी हो गई। चोरी के बाद प्रसव कक्ष में अफरा-तफरी मच गई।

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हुआ यूं कि रफीगंज थाना के बीबीपुर गांव निवासी दिनेश चंद्रवंशी की पत्नी सिरांती देवी का बुधवार दोपहर 12 बजकर सात मिनट पर प्रसव हुआ। प्रसव में पुत्र जन्म लिया था। नर्स के द्वारा बीसीजी का टीका देने के बाद नवजात को मां के हवाले सुपुर्द कर दिया। कुछ देर बाद एक महिला आशा बनकर पहुंची। सिरांती से बताया कि मैं आशा हूं। आप अपना बच्चा दीजिए, बीसीजी का टीका दिलवाना है। सिरांती ने महिला को बताया कि बच्चा को बीसीजी का टीका दिया जा चुका है। महिला ने बताया कि एक और टीका देना है। सिरांती ने अपने पुत्र को महिला को दे दिया। कुछ देर बाद तक जब महिला ने बच्चा को नहीं लाया तक सिरांती एवं उसके स्वजन बच्चा को खोजने लगे परंतु कहीं पता नहीं चल सका।

प्रसव कक्ष की इंचार्ज सुलेखा ने बताया कि सिरांती की गोद से महिला बच्चा को लेकर बाहर चली गई है। अपना बच्चा को अंजान व्यक्ति के हाथों में नहीं देना है परंतु महिला कैसे दे दी यह कहा नहीं जा सकता है। बता दें कि यह पहली घटना नहीं है। 12 दिसंबर को नर्स कंचन कुमारी का कक्ष से ही पर्स चोरी हो गया था। पर्स में पांच हजार रुपया एवं 15 हजार का मोबाइल समेत कई कागजात एवं उपयोगी समान थे। काफी खोजबीन हुआ परंतु नहीं मिला। एक महिना पहले बच्चों की बीच अदला-बदली हो गई थी। मामला थाना तक पहुंचा। थाना के द्वारा समझौता कराकर मामले को बच्चा को अपने-अपने मां के हवाले सुपुर्द कराते हुए शांत कराया गया।

छह महीने से खराब है सीसीटीवी

सदर अस्पतला के प्रसव कक्ष में छह महीने से सीसीटीवी खराब है। नवजात चोरी के बाद सब सीसीटीवी से जांच की बात सातने आई तो मालूम पड़ा कि यहां सीसीटीवी छह महीने से खराब पड़ा है। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधक हेमंत राजन ने बताया कि छह महीने से सीसीटीवी खराब है। सीसीटीवी वाले का पेमेंट बकाया है जिस कारण वे लोग नहीं बना रहे हैं। विभाग के द्वारा उनलोगों का बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है जिसका परिणाम आज भुगतना पड़ रहा है। आज अगर सीसीटीवी सही रहता तो महिला का पहचान किया जा सकता था। बता दें कि अस्पताल की बदहाल व्यवस्था का शिकार एक महिला बन गई। अपनी बच्चा को खोजने के लिए दर-दर भटक रही है। बता दें कि इसके अलावा नवजात शिशु इकाईं का भी सीसीटीवी खराब है। यहां भी बच्चा भर्ती रहता है। कब बड़ी घटना हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता।

प्रसव कक्ष में लगी रहती है भीड़

सदर अस्पताल परिसर स्थित प्रसव कक्ष में भीड़ लगा रहता है। यहां कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है। एक मरीज के साथ उसके आठ से दस स्वजन कक्ष के अंदर जमे रहते हैं। स्थिति यह होती है कि भीड़ लगी रहती है। अगर गार्ड मना करते हैं तो उनके साथ स्वजन झगड़ा करने को तैयार हो जाते हैं। अस्पताल का बदहाल व्यवस्था दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रही है। खबर प्रेषण तक प्रसूति महिला का नवजात बच्चा नहीं मिला था।

कहते हैं सीएस

सिविल सर्जन डा. अकरम अली ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है। प्रसव कक्ष से बच्चा बाहर कैसे गया यह देखा जा रहा है। कक्ष के उपर भवन निर्माण होने के कारण सीसीटीवी खराब हो गई थी जिसके कारण कुछ पता नहीं चल पा रहा है। सीसीटीवी को तुरंत ठीक कराने का निर्देश दिया गया है। हालांकि मामले में अस्पताल के अधिकारियों की नींद उड़ गई है। सीएस ने अधिकारी, व चिकित्सक एवं नर्स के साथ गुप्त बैठक किया है।

कहते हैं थानाध्यक्ष

नगर थानाध्यक्ष अंजनी कुमार ने बताया कि मामले को संज्ञान में लिया गया है। नवजात चोरी की जानकारी मिलने के बाद हम सभी वहां गए थे। महिला से बातचीत की गई है। थाना में लिखित आवेदन कार्रवाई के लिए मांगा गया है परंतु अब तक नहीं मिल सका है। आवेदन मिलने के साथ ही कार्रवाई की जाएगी।


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