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औरंगाबाद 2245 शिक्षकों के फोल्डर की जांच कर रहा निगरानी विभाग, टीचरों में हड़कंप का माहौल

पिछले कई वर्षों से शिक्षकों की निगरानी विभाग द्वारा फोल्डर की जांच का खेल चल रहा है लेकिन अब तक कोई परिणाम सामने नहीं आया है। औरंगाबाद जिले में कुल 7654 शिक्षक व 219 नियोजन इकाई है। निगरानी की जांच से शिक्षकों में हड़कंप है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 04:20 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 04:20 PM (IST)
औरंगाबाद 2245 शिक्षकों के फोल्डर की जांच कर रहा निगरानी विभाग, टीचरों में हड़कंप का माहौल
फर्जी शिक्षकों के फोल्‍डर की जांच कर रहा निगरानी विभाग। प्रतीकात्‍मक चित्र।

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। पिछले कई वर्षों से शिक्षकों की निगरानी विभाग द्वारा फोल्डर की जांच का खेल चल रहा है, लेकिन अब तक कोई परिणाम सामने नहीं आया है। औरंगाबाद जिले में कुल 7654 शिक्षक व 219 नियोजन इकाई है। निगरानी जांच के दौरान अब तक कुल 92 नियोजन इकाईयों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमे पंचायत सचिव से लेकर बीइओ तक शामिल थे। नियोजन इकाईं ने मामले में सख्ती बरता है। एक महीना पहले शिक्षा विभाग के सभी शिक्षकों का फोल्डर जांच के लिए मांगा गया था। शिक्षा विभाग ने 2245 शिक्षकों का फोल्डर निगरानी को उपलब्ध कराया है। फिलहाल 2245 शिक्षकों का फोल्डर निगरानी के द्वारा जांच की जा रही है। निगरानी की जांच से शिक्षकों में हड़कंप है।

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जांच में बरती जा रही सुस्ती

जिले में फर्जी शिक्षकों की बहाली का खेल काफी पुराना है। कई स्तर पर जांच के बाद लगातार फर्जी शिक्षक पकड़ में आ रहे हैं। इसके बावजूद इनपर सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है बल्कि इन पर रहम दिखाया जा रहा है। अब इस पर सवाल उठ खड़ा हुआ है। यहां तक कि शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग भी दबी जुबान से यह स्वीकार कर रहे हैं कि मामला उठने के बाद जांच होती है और फर्जीवाड़ा सामने भी आता है। लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती। लिहाजा स्कूलों में फर्जी शिक्षक पूर्व की भांति सेवा देते रहते हैं। सूत्रों की माने तो औरंगाबाद, मदनपुर, दाउदनगर एवं नवीनगर में कई फर्जी शिक्षक पकड़े भी गए हैं। हालांकि विभागीय अधिकारी इसको पुष्टि नहीं कर रहे। उनकी बहाली में अधिकारियों का भी हाथ है। इन अधिकारियों के चेहरे भी सामने आ गए हैं।

अब अंदर ही अंदर इन्हें बचाने का नया खेल शुरु हो गया है। जाहिर है जिला से लेकर राजधानी तक पैरवी का दौर चल रहा है। मामला चाहे जो हो यह जरुर कहा जा रहा है कि बिना अधिकारियों की मिलीभगत के आखिर शिक्षकों की फर्जी बहाली कैसे संभव है। फर्जी शिक्षकों की बहाली का मामला सामने आने के बाद कई स्कूल से वैसे शिक्षक फरार हो गए हैं जो गलत तरीके से बहाल हुए थे। दाउदनगर प्रखंड में कई ऐसे स्कूल हैं जहां से शिक्षक गायब हैं। वरीय पदाधिकारियों को भी इसकी जानकारी है। इससे स्पष्ट है कि बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बाहली में अनियमितता बरती गई है। जानकारी के अनुसार दाउदनगर के अलावा मदनपुर, सदर, बारुण एवं नवीनगर प्रखंड के सैकड़ों शिक्षकों के प्रमाण पत्र संदेह के घेरे में है। प्रमाण पत्रों की जांच भी हो रही है लेकिन ठोस कार्रवाई अब ति नहीं हुई। इधर निगरानी द्वारा भी जिले में फर्जी शिक्षेां की बहाली की जांच की जा रही है। अधिकारी बस एक ही बात कह रहे हैं कि जहां भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, कार्रवाई की जा रही है। किसी को बख्सा नहीं जाएगा।


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