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धान कटते ही गेहूं की सीधी बुआई से लहलहा रही गेहूं की फसल, जानिए किसानों ने कैसे की है खेती

गया जिले के चयनित गांवों में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम का सकारात्‍मक परिणाम दिखने लगा है। इन गांवों में कृषि विभाग की ओर से धान कटते ही गेहूं की फसल कराई गई। लहलहाते पौधे देख उपज अच्‍छी होने की उम्‍मीद है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 09:49 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 09:49 AM (IST)
धान कटते ही गेहूं की सीधी बुआई से लहलहा रही गेहूं की फसल, जानिए किसानों ने कैसे की है खेती
फसल का मुआयना करने पहुंचे कृषि विभाग के लोग। जागरण
जागरण संवाददाता, मानपुर (गया)। धान की फसल कटने के बाद खाली हुई खेतों में हरियाली नजर अाने लगी है। खेतों में गेहूं के झूमते पौधे देखकर किसान हर्षित हो रहे हैं। यह सब संभव हो पाया है  जलवायु के अनुकूल कृषि (Climate Friendly Agriculture) कार्य से। यह एक तरह से किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक शनिवार को किसानों के खेत में पहुंचे। वहां गेहूं की लहलहाती फसल देख किसान एवं वैज्ञानिक दोनों के चेहरे पर सुकून का भाव दिखा। उम्‍मीद है कि फसल भी काफी अच्‍छी होगी। इसी विधि से अन्य किसान भी गेहूं के फसल अगले साल से लगाने इच्छा जाहिर करने लगे हैं।  
ऐसे हुई गेहूं की बेहतर फसल 
सरकार द्वारा जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके लिए मानपुर के रसलपुर, रुपसपुर व नगर प्रखंड के तकिया, रहिम बिगहा और रसलपुर गांव का चयन किया गया। इन गांवों की 423 एकड़ भूमि में धान की फसल कटते ही गेहूं की सीधी बोआई की गई। इसके लिए किसानों को खाद, बीज व खर-पतवार नाशक दवाएं दी गईं। कृषि वैज्ञानिकों की मौजूदगी में गेहूं की फसल जीरो टिलेज मशीन से लगाई गई। जीरो टिलेज मशीन का भी खर्च कृषि विज्ञान केंद्र ने वहन किया। 
जलवायु अनुकूल विधि से फसल करना फायदेमंद
सत्येन्द्र महतो, वकिल सिंह, रामस्वरुप यादव आदि किसानों का कहना है कि जलवायू के अनुकूल कृषि कार्य काफी बेहतर है। धान कटते ही गेहूं की सीधी बुआई करने से फसल काफी अच्छी है। उपज अधिक अवश्य होगी। इसी तरह सभी किसानों को गेहूं की खेती करना चाहिए। 
एक एकड़ में 20 क्विंटल उपज का अनुमान
कृषि वैज्ञानिक डाॅ. देवेंद्र मंडल का कहना है कि अभी किसानों को गेहूं की फसल को दो बार और सिंचना है। पहली बार सिंचाई करते वक्त 45 किलो और दूसरी बार 30 किलोग्राम यूरिया खाद डालना होगा। अप्रैल के पहले सप्ताह में गेहूं की फसल कट जाएगी। प्रति एकड़ 18 से 20 क्विंटल गेहूं होने का अनुमान है।

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