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आरा-मुंडेश्‍वरी रेललाइन परियोजना 12 वर्षों में भी नहीं उतर सकी जमीन पर, 490 करोड़ से होना था काम

122 किलोमीटर लंबी आरा-मुंडेश्‍वरी रेल लाइन परियोजना का काम 12 वर्षों में भी शुरू नहीं हुआ है। शिलान्‍यास और सर्वे के बाद सबकुछ अटका हुआ है। इस परियोजना के लिए 490 करोड़ रुपये का प्राक्‍कलन बनाया गया था।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 01:26 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 01:26 PM (IST)
आरा-मुंडेश्‍वरी रेललाइन परियोजना 12 वर्षों में भी नहीं उतर सकी जमीन पर,  490 करोड़ से होना था काम
आरा-मुंडेश्‍वरी रेललाइन परियोजना के लिए बना नक्‍शा। जागरण

जासं, मोहनियां(कैमूर)। शिलान्यास के 12 वर्षों बाद भी आरा-मुंडेश्‍वरी रेल लाइन परियोजना  का कार्य अधर में लटका है। इंतजार में वर्ष 2020 भी समाप्‍त हो गया। शिलान्यास के समय तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने घोषणा की थी इस रेल लाइन का निर्माण कार्य पांच वर्षों में वर्ष 2013 के अंत तक पूरी हो जाएगी। लेकिन पांच नहीं बारह वर्षों बाद भी परियोजना साकार नहीं हो सकी है।

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तत्‍कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने किया था शिलान्‍यास

14 दिसंबर 2008 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने मोहनियां में इस रेल लाइन का शिलान्यास किया था। 122 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के निर्माण पर 490 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया गया था। शिलान्यास के दो वर्ष बाद भभुआ रोड स्टेशन पर नारियल फोड़कर सर्वे कार्य का शुभारंभ किया था। लेकिन सर्वेक्षण के बाद काम आगे नहीं बढ़ा।मालूम हो कि सासाराम संसदीय क्षेत्र रोहतास व कैमूर जिलावासियों के लिए यह बेहद महत्वाकांक्षी परियोजना है। लेकिन यह अधर में  है। वह भी तब जबकि बिहार से लेकर केंद्र तक एनडीए की सरकार है। हर लोकसभा चुनाव में यह परियोजना मुद्दा बनती रही है। जिलावासी इसे पूरा करने की मांग उठाते रहे हैं। लोगों को उम्मीद थी की इस वित्तीय वर्ष में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा लेकिन निराशा ही हाथ लगी। अभी तक परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य भी प्रारंभ नहीं हुआ।

पर्यटन उद्योग को मिलती नई पहचान

देश के प्राचीनतम मुंडेश्‍वरी मंदिर की ख्याति को ध्यान में रखकर और कैमूर जिले को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने के लिए इस परियोजना को काफी महत्वपूर्ण माना गया था। कैमूर जिला के माता मुंडेश्वरी मंदिर सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर पहुंचने के लिए पर्यटकों को सड़क मार्ग का ही सहारा लेना पड़ता है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के रेल बजट में इस परियोजना को पूरा करने के लिए राशि उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी। स्थानीय सांसद छेदी पासवान भी इसके लिए आवाज उठाते रहे हैं। लेकिन परिणाम शून्‍य है।

एनएच 30 के पूरब से गुजरेगी रेल परियोजना

आरा से मुंडेश्‍वरी धाम तक रेल लाइन बिछाने के लिए जो नक्शा बनाया गया है  उसके अनुसार आरा जंक्शन से कोचस होते हुए भभुआ रोड स्टेशन से पूरब गया-मुगलसराय रेलखंड यह लाइन क्रॉस करेगी। भभुआ रोड स्टेशन से पूरब बने रेल ऊपरी पूल के बगल से बरेज गांव के पश्चिम उक्त परियोजना जीटी रोड को पार करते हुए आगे बढ़ेगी। जिला मुख्यालय भभुआ के पूरब दिशा से इस रेल परियोजना को भगवानपुर में मुंडेश्वरी धाम तक पहुँचाने की योजना है।


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