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मेडिकल के अलावा निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को मिल रही रेमडेसिविर

गया जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए जिला प्रशासन सभी तरह की चौकसी बरत रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 11:47 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 11:47 PM (IST)
मेडिकल के अलावा निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को मिल रही रेमडेसिविर
मेडिकल के अलावा निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को मिल रही रेमडेसिविर

गया: जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए जिला प्रशासन सभी तरह की चौकसी बरत रहा है। सरकार ने इसके लिए पूरा सिस्टम बना रखी है। अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल के अलावा शहरी क्षेत्र में कुल 17 निजी अस्पताल ऐसे हैं जहां के मरीज को रेमेडिसिवर इंजेक्शन सुलभता से उपलब्ध कराया जा रहा है। मेडिकल अस्पताल में यह दवा बिल्कुल मुफ्त मिलती है। जबकि निजी अस्पताल में सरकार की ओर से निर्धारित एक दर 1298 रुपये प्रति वायल दवा दी जाती है। निजी अस्पतालों पर नियंत्रण के लिए सभी जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी ही मरीज को यह इंजेक्शन दिया जाता है। मगध मेडिकल अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक यहां 400 वायल उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें से करीब 100 वायल अब तक मरीजों के इलाज में इस्तेमाल हुआ है। बहुत जल्द ही यहां 100 रेमेडिसिवर इंजेक्शन वायल और उपलब्ध होने वाली है। इधर, सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 390 वायल उपलब्ध हुआ है। इनमें से शनिवार की शाम तक 47 इंजेक्शन बचा हुआ है। रविवार को स्टेट से 35 वायल और उपलब्ध होने की जानकारी है।

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मेडिकल अस्पताल में एचआर सिटी जांच व दवा बिल्कुल मुफ्त

-मगध मेडिकल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में भर्ती कोविड के गंभीर मरीज को यह दवा चिकित्सक की सलाह पर उपलब्ध कराई जाती है। एचआर सिटी व रेमेडिसिवर इंजेक्शन बिल्कुल मुफ्त में उपलब्ध होता है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी कोविड के मरीजों के लिए यह दवा नहीं है। सरकार के निर्देशानुसार इसके लिए एक कमेटी बनी हुई है। सबसे जरूरी यह है कि अति गंभीर मरीज को दवा देने के लिए संबंधित मेडिसीन डिपार्टमेंट के चिकित्सक की सलाह जरूरी है। उनके द्वारा पूर्जा पर उक्त दवा को लिखे जाने के बाद ही यह दवा कमेटी से अनुमोदित होकर उपलब्ध कराई जाती है। एक मरीज को पांच वायल इंजेक्शन उपलब्ध कराई जाती है। पहले दिन दो डोज दवा दी जाती है। बाद में एक-एक डोज उपलब्ध कराई जाती है।

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निजी अस्पतालों को गुगल फार्म के जरिए उपलब्ध होती है दवा

-सरकार द्वारा कोविड महामारी को लेकर गया में जिन 17 अस्पतालों को सूचिबद्ध किया गया है उन सभी को ऑनलाइन गुगल फार्म के जरिए उनके यहां भर्ती मरीज को यह दवा दी जाती है। जिसमें मरीज का नाम, एचआर सिटी रिपोर्ट, डॉक्टर की सलाह, आधार कार्ड नंबर व अस्पताल द्वारा अग्रसारित कॉपी लगाकर दवा की मांग की जाती है। अस्पतालों में दवा के बदले निर्धारित दर मरीज के अभिभावक को भुगतान करना होता है। निजी अस्पतालों को रेमेडिसिवर इंजेक्शन की हर वायल सिविल सर्जन कार्यालय के माध्यम से जरूरी कागजात की जांच के बाद ही उपलब्ध होती है। कार्यालय के कर्मी बताते हैं कि इसमें कोई विलंब नहीं होता है। सभी तरह के पेपर उपलब्ध रहने पर 20 से 25 मिनट में मरीज तक उक्त इंजेक्शन पहुंच जाती है।

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क्या कहते हैं अधिकारी:

मगध मेडिकल के अलावा निजी अस्पताल जो कोविड के इलाज के लिए सूचिबद्ध हैं उनके यहां भर्ती मरीजों को सहजता से रेमेडिसिवर इंजेक्शन की वायल उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार ने इसके लिए सिस्टम बना रखा है। निजी अस्पताल में हर वायल की एक दर सरकार ने तय कर दी है। दवा की कोई दिक्कत नहीं है।

डॉ. कमल किशोर राय, सिविल सर्जन, गया।


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