देवघाट पर घूम रहे आवारा पशु, पिंडदानी परेशान
देवघाट और फल्गु नदी में आवारा पशुओं के जमघट होने से पिंडदानी परेशान हैं। उन्हें कर्मकांड करने में काफी परेशानी हो रही है।
गया । तमाम दावों के बावजूद आवारा पशुओं की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। इस मसले को निगम की वार्ड कमेटी बैठकों में आए दिन पार्षद उठाते रहते हैं, लेकिन गंभीरता के साथ शायद ही समाधान की दिशा में कोई कदम उठाया गया हो। देवघाट और फल्गु नदी में आवारा पशुओं के जमघट होने से पिंडदानी परेशान हैं। उन्हें कर्मकांड करने में काफी परेशानी हो रही है।
मिनी पितृपक्ष मेला चलने के कारण प्रत्येक दिन सैकड़ों की संख्या में पिंडदानी कर्मकांड को लेकर देवघाट में आ रहे हैं। देवघाट स्थित फल्गु नदी में पूर्वजों को मोक्ष दिलाने को लेकर कर्मकांड कर रहे हैं। कर्मकांड के समय कभी पूजन सामग्री तो कभी फल आदि आवारा पशु खा लेते हैं। इसके कारण पिंडदानियों को कर्मकांड करने में बाधा पहुंच रही है।
नगर निगम द्वारा अक्टूबर में पितृपक्ष के दौरान अभियान चलाकर आवारा पशुओं को पकड़ा गया था। उसके बावजूद स्थित यथावत है। देवघाट ही नहीं शहर में भी आवारा पशु ज्यों-त्यों घूमते नजर आ जाएंगे।
वार्ड पार्षद पार्षद चंदू देवी का कहना है कि देवघाट में एक सौ अधिक आवारा पशु घूमते रहते हैं। इसके कारण पिंडदानियों को कर्मकांड करने में काफी परेशानी हो रही है। इस समस्या से कई बार नगर आयुक्त को अवगत कराया गया है। बावजूद इसके किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई।
सबसे अधिक केदार नाथ मार्केट, जीबी, टावर चौक, अंबेडकर पार्क आदि स्थानों पर पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है।
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लगातार अभियान
चलाने की जरूरत
आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए कई बार नगर निगम ने कार्ययोजना बनाई। यहां तक कि 21 लाख रुपये की लागत से एनिमल कैचर वाहन भी खरीदी गई। कुछ दिनों तक शहर में आवारा पशुओं को पकड़ा भी गया था। लोगों का कहना है कि निगम को लगातार अभियान चलाना चाहिए।
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आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए टीम का गठन किया जा रहा है। टीम में निगम के अधिकारियों के साथ पुलिस बल भी रहेंगे। पशुओं को पकड़ने के साथ पशुपालक पर जुर्माना भी किया जाएगा।
वीरेंद्र कुमार, मेयर