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सेविका सहायिकाओं की मर्जी पर खुलते आंगनबाड़ी केंद्र

संवाद सूत्र, गुरुआ : यहा कुल 197 आगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें आधे से अधिक नियमित खुलते हैं। ब

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 02:56 AM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 02:56 AM (IST)
सेविका सहायिकाओं की मर्जी पर खुलते आंगनबाड़ी केंद्र
सेविका सहायिकाओं की मर्जी पर खुलते आंगनबाड़ी केंद्र

संवाद सूत्र, गुरुआ : यहा कुल 197 आगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें आधे से अधिक नियमित खुलते हैं। बाकी केंद्र आगनबाड़ी सेविका तथा सहायिका की मर्जी पर खुलते हैं। महीने में दो चार दिन खुल गए तो काफी है। ऐसे में यह कहने में अतिश्योक्ति नहीं होगी कि प्रखंड के दर्जनों आगनबाड़ी केंद्र कागज पर चल रहे हैं। नियमित रूप से केंद्र पर महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच नहीं हो पाती है।

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कई केंद्रों का

अपना भवन नहीं

गुरुआ प्रखंड क्षेत्र में तेतरिया, नेमा बिगहा, बरियाटाड़, कठबारा, नवाबचक, नसेर, विशुनपुर समेत दर्जन भर गाव में आगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण नहीं कराया गया। ऐसे केंद्र निजी मकान में चल रहे हैं।

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कई का भवन अधूरा

कुछ ऐसे भी आगनबाड़ी केंद्र के भवन हैं, जो विभागीय लापरवाही के कारण अब तक पूरा नहीं बन पाया है। इसके निर्माण में विलंब होने से बच्चों को परेशानी होती है। अधिकारी या जनप्रतिनिधि इसमें रुचि नहीं ले रहे।

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नियमित नहीं आती सीडीपीओ

प्रखंड के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सुनीता कुमारी को इस प्रखंड के अलावा एक और प्रखंड की जिम्मेदारी मिली है। यही वजह है कि महीने में दो चार दिन ही यहां आती हैं। जिसके कारण लोग अपनी बात उनसे कहना भी चाहते हैं तो उनसे मुलाकात नहीं हो पाती। यह भी एक वजह है कि आगनबाड़ी केंद्र के संचालन में सुधार नहीं हो रहा है।


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