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36 साल बाद डालमियानगर औद्योगिक आवासीय परिसर बिजली से गुलजार, बकाया के कारण ठप थी आपूर्ति

उद्योग क्षेत्र के जनप्रतिनिधि के दायर पिटीशन पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने उद्योग समूह के शासकीय समापक हिमांशु शेखर और विद्युत कार्यपालक अभियंता को आदेश जारी किया। किसी भी व्‍यक्ति को पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता।

By Prashant KumarEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 09:27 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 09:27 AM (IST)
36 साल बाद डालमियानगर औद्योगिक आवासीय परिसर बिजली से गुलजार, बकाया के कारण ठप थी आपूर्ति
बिजली की आपूर्ति होने के बाद रोशन हुआ मकान। जागरण।

संवाद सहयोगी, डेहरी ऑनसोन (सासाराम)। कभी उद्योग क्षेत्र के राष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बनाने वाला रोहतास उद्योग समूह का डालमियानगर परिसर दुधिया रोशनी नहाया करता था। 13 से अधिक विभिन्न प्रकार के कारखानों से अच्छादित विशाल क्षेत्र 24 घंटे गुजार रहता था, परंतु कारखाना बंद होते ही यहां वीरानगी छा गई।

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1984 में रोहतास उद्योग समूह के बंद होने तथा कोर्ट द्वारा परिसमापन में चले जाने के बाद विद्युत आपूर्ति एकाएक ठप पड़ गई। डालमियानगर आवासीय कॉलोनी और आसपास के इलाकों में रहने वाले विद्युत उपभोक्ताओं को 36 वर्ष तक विद्युत आपूर्ति से वंचित रहना पड़ा। इस दौरान एक पीढ़ी समाप्त हो गई। औद्योगिक क्षेत्र में रहने वाले लोगोंकी स्थिति शहर में होने के बावजूद बदतर रही।

शाम होते ही लालटेन, सोलर लाइट, दीया के बीच जीवनचर्या सिमट कर रह गई। पंखा, कूलर, एसी, टीवी, कंप्यूटर आदि इस क्षेत्र के निवासियों के लिए सपना के समान था। अब कोर्ट के आदेश व लिक्विडेटर द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र देने के बाद यहां बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी गई है।

डीएम के आदेश को भी विभाग ने किया दरकिनार

डालमियानगर वार्ड संख्या नौ के निवासी आकाश कुमार ने तत्कालीन जिलाधिकारी अनिमेष पराशर के जनता दरबार में 2018 में बिजली आपूर्ति को ले फरियाद लगाई। जिसके बाद डीएम ने तत्कालीन विद्युत कार्यपालक अभियंता अभय कुमार रंजन को उद्योग क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बहाल करने के लिए आदेश दिया, परंतु उद्योग समूह का मामला पटना हाइकोर्ट के लिक्विडेशन में जाने के कारण विभाग ने उस आदेश दरकिनार कर दिया।

शासकीय समापक व हाईकोर्ट में दी अर्जी

बिजली की समस्या हल नहीं होने पर आकाश ने रोहतास उद्योग समूह के शासकीय समापक हिमांशु शेखर और पटना उच्च न्यायालय में अर्जी लगाई। जिसके बाद 25 जून 2019 को हाईकोर्ट ने विद्युतीकरण के लिए आदेश जारी किया। हाईकोर्ट के आदेश पर शासकीय समापक ने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर तत्कालीन विद्युत कार्यपालक अभियंता को  ट्रांसफार्मर और पोल लगाने के लिए मैप और सर्वे करने का आदेश दिया।

मई 2021 में जोर पकड़ी विद्युतीकरण की गति

शासकीय समापक के एनओसी जारी करने के बाद 2021 में औद्योगिक क्षेत्र में बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य जोर पकड़ा। साथ ही आवासीय कालोनी में नए विद्युत कनेक्शन के लिए कुल 577 आवेदन लिए गए हैं। जिसमें उद्योग समूह के लिक्विडेटर ने 486 लोगों के नाम पर एनओसी दिया। विभाग ने अबतक कुल 430 प्रीपेड मीटर लगाया है, 56 मीटर लगना अभी बाकी है।

कहते हैं अधिकारी

विद्युत आपूर्ति प्रमंडल डेहरी के कार्यपालक अभियंता सोमनाथ पासवान ने बताया कि उद्योग क्षेत्र के जनप्रतिनिधि के दायर पिटीशन पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने उद्योग समूह के शासकीय समापक हिमांशु शेखर और विद्युत कार्यपालक अभियंता को आदेश जारी किया। जिसमें कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति और समूह को पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित नहीं किया जा सकता है।

शासकीय समापक के एनओसी एवं हाईकोर्ट के आदेश पर डालमियानगर के वार्ड नंबर छह, सात व आठ में विद्युतीकरण कार्य किया जा रहा है। विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 560 खंभे, 22 ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। नए विद्युत कनेक्शन के लिए पड़े कुल 577 आवेदनों में लिक्विडेटर ने 486 लोगों के नाम पर एनओसी दिया है। अबतक 430 प्रीपेड मीटर लगाया गया है, 56 मीटर लगना बाकी है।


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