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मानपुर के नक्सल क्षेत्र में चार साल से बना मिनी जलापूति केंद्र नहीं बुझा रही प्यास, अब सीएम से शिकायत

अति नक्सल प्रभावित इमामगंज के करमौन गांव जो स्वतंत्रता सेनानी सह प्रथम विधायक स्व. जगलाल महतो की जन्म भूमि है। यहां गमीॅ शुरू होते ही पेय जल की समस्या उत्पन्न हो जाती है। लोग काफी दूर से पानी लाकर प्यास बुझाते है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 01:59 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 01:59 PM (IST)
मानपुर के नक्सल क्षेत्र में चार साल से बना मिनी जलापूति केंद्र नहीं बुझा रही प्यास, अब सीएम से शिकायत
मिनी जलापूर्ति केंद्र के बावजूद नहीं बुझ रही प्‍यास। प्रतीकात्‍मक चित्र।

जागरण संवाददाता, मानपुर (गया)। गया जिले के अति नक्सल प्रभावित इमामगंज के करमौन गांव जो स्वतंत्रता सेनानी सह प्रथम विधायक स्व. जगलाल महतो की जन्म भूमि है। यहां गमीॅ शुरू होते ही पेय जल की समस्या उत्पन्न हो जाती है। लोग काफी दूर से पानी लाकर प्यास बुझाते है। बषों से बनी पेयजल की समस्या से निजात दिलाने की पहल चार साल पूर्व पीएचडी के द्वारा शुरु किया गया। गांव में मिनी जलापूतिॅ केंद्र बनाया गया। संचालित करने के लिए  सौर्य उर्जा प्लेट एवं बिजली से चलने वाला मोटर लगाया गया।  हर घर तक नल का शुद्व जल पहुंचाने के लिए गांव की गली में पाईप बिछाया गया। सारी व्यवस्था होने के बाबजूद भी मिनी जलापूतिॅ केंद्र आज तक चालू नहीं हुआ।

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केवल मिलता अश्वासन

मिनी जलापूतिॅ केंद्र चालू कर हर घर तक शुद्व जल पहुंने के फरियाद लेकर कई बार ग्रामीण पीएचडी से लेकर डीएम तक पहुंचे। स्वतंत्रता सेनानी सह प्रथम विधायक के समाजसेवी पुत्र अशोक कुमार ने मुख्यमंत्री के पास भी आवेदन दिए। फिर भी जलापूतिॅ केंद्र चालू करने की पहल नहीं की गई।

तीन टोले में पेयजल की किल्लत

राजस्व गांव करमौन के तीन टोले हैं। एक टोले पर महादलित , दूसरे टोले पर अनुसूचित तो तीसरे टोले पर अत्यंत पिछडा़ जाति के लोग कई पुस्त  से रह रहे  हैं। इन तीनों टोले के भूमि में बोरिंग करने के बाबजूद भी पानी नहीं निकलती। बधार में सिंचाई के लिए बने कुंआ एवं बोरिंग  से पानी लाकर लोग प्यास बुझाते हैं।

अधिकारी बताने से करते परहेज

करमौन गांव के बधार में बनकर तैयार मिनी जलापूतिॅ केंद्र से लोगों को कब प्यास बुझेगी इसके लिए पीएचडी के एक अधिकारी के पास फोन लगाया। लेकिन स्पष्ट जवाव उनके द्वारा नहीं दी गई।


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