होली पर खादी ग्रामोद्योग में आठ हजार वस्त्र तैयार
होली त्योहार को लेकर ग्राम निर्माण मंडल खादी ग्रामोद्योग में विभिन्न तरह के आठ हजार वस्त्र तैयार किए गए हैं। इसके लिए आधा दर्जन कारीगर दिन-रात जुटे रहे। गया जिले में दो सौ चरखे पर महिलाओं द्वारा पुनी से सूत की कटाई की गई। सूत से हस्तकरघा उद्योग पर खादी का थान बनाया गया और फिर कटिंग कर विभिन्न साइज के वस्त्र बनाए गए हैं।
गया । होली त्योहार को लेकर ग्राम निर्माण मंडल खादी ग्रामोद्योग में विभिन्न तरह के आठ हजार वस्त्र तैयार किए गए हैं। इसके लिए आधा दर्जन कारीगर दिन-रात जुटे रहे। गया जिले में दो सौ चरखे पर महिलाओं द्वारा पुनी से सूत की कटाई की गई। सूत से हस्तकरघा उद्योग पर खादी का थान बनाया गया और फिर कटिंग कर विभिन्न साइज के वस्त्र बनाए गए हैं।
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आठ हजार वस्त्र बनाने
पर 52 लाख खर्च
होली त्योहार पर खादी वस्त्रों की खूब मांग होती है। ग्राहकों की मांग को देखते हुए आठ हजार खादी वस्त्र बनाने का लक्ष्य है। इसमें 2000 हजार कुर्ता, 2000 पैजामा, 1000 हजार बंडी और तीन हजार कमीज बनाई जा रही है। इसके अलावा सैकड़ों मीटर कपड़े का थान तैयार किया गया है। इससे बनाने पर 52 लाख खर्च होंगे।
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25 हजार की प्रतिदिन बिक्री
गांव के लोग भी खादी वस्त्र धारण करें, इसके लिए उनके दरवाजे तक प्रचार वाहन पहुंच रहा है। काफी उत्साह के साथ गांव वाले खादी वस्त्र खरीद रहे हैं। प्रतिदिन 25 हजार वस्त्र की बिक्री हो रही है।
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खादी वस्त्र को गांव-गांव
तक पहुंचाने का लक्ष्य
खादी ग्रामोद्योग समिति के मंत्री सुनील कुमार कहते हैं, ग्राम निर्माण मंडल खादी ग्रामोद्योग समिति लखीबाग में अधिकारियों की बैठक फरवरी में हुई थी। खादी वस्त्र को गांव-गांव तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया था। आज पहुंचना शुरू हो गया। एक पखवारे के दौरान पांच लाख खादी वस्त्र की बिक्री हुई। बिक्री अधिक होने से उद्योग में काम करने वाले कारीगरों और मजदूरों की आमदनी अच्छी होगी।