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प्री-टैस फाइलेरिया जांच में 61 व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव

गया गया जिले में एफटीएस किट से प्री टैस फाइलेरिया जांच का कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हो गया। 01 से 23 सितंबर तक चले इस कार्यक्रम में करीब 5000 लोगों की रक्त जांच की गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 08:54 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 08:54 AM (IST)
प्री-टैस फाइलेरिया जांच में 61 व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव
प्री-टैस फाइलेरिया जांच में 61 व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव

गया: गया जिले में एफटीएस किट से प्री टैस फाइलेरिया जांच का कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हो गया। 01 से 23 सितंबर तक चले इस कार्यक्रम में करीब 5000 लोगों की रक्त जांच की गई। इनमें से 61 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिला वैक्टर बोर्न डिजिज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एमई हक ने बताया कि जो भी लोग पॉजिटिव पाए गए हैं उन सभी को जांच के दौरान ही एल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा दी गई है। साथ ही दवा खाने के दौरान यदि किसी तरह की दिक्कत होती है तो जेपीएन अस्पताल आकर अपनी तकलीफ बताने के लिए भी कहा गया है। --------- सर्वे में फाइलेरिया के संक्रमित मरीजों का दर 1.22 फीसद पाया गया -प्री-टैस(ट्रांसमिशन एसेसमेंट सर्वे) के तहत 10 गांवों के करीब 500 हजार की आबादी के बीच फाइलेरिया जांच का यह कार्यक्रम किया गया। विभागीय अधिकारी ने बताया कि अगस्त 2019 में एमडीए की दवा लोगों को खिलाई गई थी। उस दवा का प्रभाव जानने के लिए अभी प्री-टैस का कार्यक्रम किया गया। कुल जांच रिपोर्ट में संक्रमित मरीजों की संख्या 1.22 प्रतिशत ही पाई गई। इस तरह से यह पाया गया कि पिछली बार एमडीए का कार्यक्रम कामयाब रहा। जिले में फाइलेरिया नियंत्रित है। ----------- पैकेजिग हाथी पांव से ग्रसित 116 मरीजों को मुफ्त में बांटा गया फाइलेरिया किट जासं, गया: गया जिले में हाथी पांव यानि फाइलेरिया से ग्रसित 116 मरीजों के बीच मुफ्त में किट का वितरण किया गया। विभागीय जानकारी के मुताबिक 50-50 किट हरेक प्रखंड को दिया गया। इस तरह से प्रखंडों में 1200 किट बंटा। जबकि शेष 116 फाइलेरिया किट का वितरण जेपीएन अस्पताल स्थित जिला कार्यालय से दिया गया। फाइलेरिया किट में टब, जग, साबून, तौलिया, गलब्स, कॉटन, एंटीसेप्टिक आदि दिया गया है। विभागीय स्तर से 1316 लोगों को यह विशेष किट मुफ्त में दिया गया। मरीज को व्यायाम करने के बारे में भी जानकारी दी गई है। ---------- ग्राफिक्स: यह भी जानें -क्यूलेक्स फैटीगेस मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया बीमारी -पैर या हाथ मोटा हो जाता है, कभी-कभी हाइड्रोसिल भी बढ़ जाता है -फाइलेरिया के मरीज में कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है।

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