वर्षा जल रोकने को इस साल होगा 50 चेक डैमों का निर्माण
वर्षा जल का संरक्षण कर सिंचाई की समस्या के समाधान के लिए इस साल पचास चेक डैम का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए भूमि संरक्षण विभाग ने योजना बनाई है।
गया। वर्षा जल का संरक्षण कर सिंचाई की समस्या के समाधान के लिए इस साल पचास चेक डैम का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए भूमि संरक्षण विभाग ने योजना बनाई है।
ये चेक डैम इमामगंज, बांकेबाजार और आमस में बनाए जाएंगे। पहाड़ी इलाकों में 99 चेक डैम का निर्माण किया जा चुका है। पचास और निर्माण से सिंचाई की समस्या बहुत हद तक दूर होने की उम्मीद है।
जिस क्षेत्र में चेक डैम बन चुके हैं, वहां न सिर्फ खेतों को पर्याप्त पानी मिल रहा है, बल्कि पेयजल की समस्या भी समाप्त हुई है। अच्छी खेती होने से इसका आर्थिक प्रभाव भी दिख रहा है। बारिश का पानी पहले यूं ही बेकार चला जाता था, जिसे रोककर उसका उपयोग किया जा रहा है।
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कहां-कहां बन चुके हैं चेक डैम
अभी जिले में 99 चेक डैम है। इनमें फतेहपुर में सात, इमामगंज में आठ, डुमरिया में पांच, मानपुर में 22, बाराचट्टी में छह, वजीरगंज में नौ, गुरूआ में चार एवं टनकुप्पा और बांके बाजार प्रखंड में आठ-आठ हैं।
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दो वर्षो से रोका जा रहा पानी
इन चेक डैमों में दो वर्षो से वर्षा जल रोका जा रहा है। खेती के समय इससे सिंचाई की जाती है। जिन इलाकों में डैम बन चुके हैं, वहां हरियाली का मंजर है। इन क्षेत्रों में पहले पानी के लिए हाहाकार मचा रहता था। डुमरिया प्रखंड की सवरा पंचायत पूरी तरह पहाड़ी क्षेत्र है, जहां फसलें लहलहाने लगी हैं।
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स्थानीय समिति करती है देखरेख
चेक डैम की देखरेख के लिए समिति का गठन किया गया है। इसमें किसानों को शामिल किया गया है। इन्हीं के बीच से अध्यक्ष का चयन किया जाता है। समिति के के निर्देश पर ही जरूरत के अनुसार सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाता है।
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चेक डैम के निर्माण का उद्देश्य वर्षा के समय पहाड़ों से बह जाने वाले पानी को रोकना है। इसी के तहत पिछले दो वर्षो में 99 चेक डैम बनाए गए हैं। कई स्थानों पर निर्माण जारी है। इस साल पचास और डैम बनाने की योजना है। डैम में पानी होने से गर्मी में पशुओं को भी नहीं भटकना पड़ेगा।
मिथलेश कुमार, कनीय अभियंता भूमि संरक्षण विभाग