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गया में प्रतिमा विसर्जन के दौरान भगदड़ व झड़प, पुलिस ने कहा- ऑल इज वेल

बिहार के गया जिला में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के पहले दुखहरणी मंदिर में दर्शन और प्रतिमाओं को मंदिर द्वार से पास कराने की परंपरा है। इसी परंपरा को निभाने के दौरान पुलिस और लोगों के बीच झड़प हो गई।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 01:04 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 01:10 PM (IST)
गया में प्रतिमा विसर्जन के दौरान भगदड़ व झड़प, पुलिस ने कहा- ऑल इज वेल
गया में दुखहरणी मंदिर के समीप पुलिस और लोगों में झड़प, जागरण फोटो।

गया, जागरण संवादाता। बिहार के गया जिला में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के पहले दुखहरणी मंदिर में दर्शन और प्रतिमाओं को मंदिर द्वार से पास कराने की परंपरा है। इसी परंपरा को निभाने शुक्रवार को बारी-बारी से मां दुर्गा और काली की पांच प्रतिमाएं दुखहरणी मंदिर द्वार पहुंची। प्रतिमाओं के साथ भक्‍त भी मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश करने लगे। मगर इस बार कोविड-19 को लेकर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे। इसी दौरान पुलिस और लोगों के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने डंडा भांजना शुरू किया तो भगदड़ मच गई। हालांकि गया एसएसपी आदित्‍य कुमार ने ऐसी किसी घटना से इंन्‍कार किया और शांतिपूर्ण प्रतिमा विसर्जन के लिए सबको धन्‍यवाद दिया।

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इसलिए हुई झड़प, सीएम व प्रशासन के खिलाफ लगे नारें

मंदिर के पास सनातन धर्म के मानने वाले लोग और श्री राम भक्तों की अत्याधिक संख्या थी। प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद दिखा। प्रशासन और भक्तों के बीच भगदड़ व झड़प के बीच  मां दुर्गा की पांच लाइसेंसी प्रतिमाएं पास कराई गई। दुख हरणी द्वार पर पहले से बैरियर लगाया गया था। उस बैरियर के आगे पुलिस जवान भी दीवार बनकर खड़े थे। मां भगवती के भक्त सदियों पुरानी परंपरा बताकर प्रतिमा के साथ दुखहरणी  मंदिर द्वार से अंदर प्रवेश करना चाहते थे। लेकिन कोविड-19 गाइडलाइन का प्रशासनिक अधिकारी हवाला दे रहे थे। इसी क्रम में पुलिस और लोगों के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने लोगों को भगाया तो वे सीएम नीतीश और प्रशासन के विरोध में नारेबाजी करने लगे। इस बीच कई बार भगदड़ हुई‌। मगर भगदड़, झड़प और विरोध के बावजूद पुलिस प्रशासन कोविड-19 गाइडलाइन का अनुपालन कराने में सफल रहे। प्रतिमा के साथ निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार केवल 20 से 25 लोग  हीं अंदर प्रवेश कर पाए। हालांकि प्रतिमा के पीछे रहे मां भगवती के श्रद्धालु कई बार बैरियर को तोड़ने का प्रयास किए।

एसएसपी ने कहा- ऑल इज वेल

  शुक्रवार की देर रात बारी-बारी से प्रतिमाओं को पास कराया गया और शहर के रुकमणि तालाब में शनिवार की अलसुबह विसर्जित किया गया।  वही वरीय पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने शुक्रवार की मध्यरात्रि पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दुख हरणी मंदिर की परंपरा सामाजिक सौहार्द का मिसाल है। प्रतिमा पास कराने में शांति समिति पुलिस पदाधिकारी जवान और समाज के लोगों का सहयोग मिला है। शांतिपूर्ण प्रतिमा पास कराने पर उन्होंने सभी लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि पुलिस के ओर से श्रद्धालुओं पर कोई कार्यवाही की गई। वह यह भी कह रहे हैं सरकार के निर्धारित कोविड-19 के गाइडलाइन का अनुपालन कराने के लिए बलों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया।


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