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UPSC में 190वीं रैंक लाकर IPS बने औरंगाबाद के अविनाश, गोरखपुर के DFO रहते मिली सफलता

अविनाश फिलहाल उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) के पद पर कार्यरत हैं। उनका चयन 2016 में प्रथम प्रयास में यूपीएससी से आइएफएस में हुआ था। तब से वे इसी पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने 2009 से 2014 तक IIT Roorkee से बीटेक एवं फिर एमटेक किया।

By Prashant KumarEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 02:08 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 02:08 PM (IST)
UPSC में 190वीं  रैंक लाकर IPS बने औरंगाबाद के अविनाश, गोरखपुर के DFO रहते मिली सफलता
गोरखपुर स्थित अपने कार्यालय कक्ष में अविनाश कुमार। जागरण।

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। गोह प्रखंड के कुशडीहरा निवासी मोहन सिंह के पुत्र अविनाश कुमार ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में 190 वीं रैंक हासिल की। उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के लिए किया गया। अविनाश कहते हैं कि कठिन परिस्थिति में भी लक्ष्य पाने के लिए संघर्ष करना चाहिए। परिस्थितियां सबके लिए हमेशा प्रतिकूल ही रहती हैं। परिश्रम के बल पर सफलता हासिल होती है। अविनाश उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में डीएफओ हैं। 2016 में प्रथम प्रयास में यूपीएससी में उनका चयन हुआ था। उन्होंने 2009 से 2014 तक आइआइटी रुड़की से बीटेक व फिर एमटेक किया। डीएफओ की नौकरी में भी तैयारी करते रहे और दो बार प्रयास करने के बाद सफलता नहीं मिली। चौथे प्रयास में सफल हुए। उनकी पत्नी आकांक्षा डॉक्टर हैं।

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आइआइटी रुड़की से किया बीटेक व एमटेक

जानकारी के अनुसार, अविनाश फिलहाल उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) के पद पर कार्यरत हैं। उनका चयन 2016 में प्रथम प्रयास में यूपीएससी से आइएफएस में हुआ था। तब से वे इसी पद पर कार्यरत हैं। बताया कि उन्होंने 2009 से 2014 तक आइआइटी रुड़की (IIT Roorkee) से बीटेक एवं फिर एमटेक किया। डीएफओ की नौकरी हासिल करने के बावजूद वह यूपीएससी की तैयारी करते रहे और दो बार प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। लगातार स्वाध्याय करते रहे और चौथे प्रयास में पुन: वे सफल हुए। उन्होंने गया नाजरथ एकेडमी से दसवीं और बाल विद्या निकेतन जहानाबाद से 12वीं की पढ़ाई की है। उनकी पत्नी आकांक्षा एमबीबीएस डॉक्टर हैं और फिलहाल कस्तूरबा गांधी मेडिकल कालेज मेंगलुरु में गायनी में पीजी कर रही हैं। उनकी शादी 2018 में हुई थी। 

पिता और भाई भी इंजीनियर

अविनाश के पिता मोहन सिंह जनवरी 2020 में हजारीबाग में पीडब्ल्यूडी महकमे से सहायक इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। भाई नीरज कुमार पटना में स्टार्टअप चलाते हैं और स्वयं इंजीनियर हैं। छोटा भाई अंबुज कुमार एनटीपीसी हजारीबाग में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। माता-पिता का सपना था कि बेटा यूपीएससी निकाले। दोनों के साथ भाई हमेशा सहयोग करते रहे।


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