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Nawada News: जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के निर्देश के बाद भी ग्रामीण कार्य विभाग ने नहीं बनवाई सड़क

सरकारी जमीन के रहते हुए भी किसानों की रैयती जमीन पर ठेकेदार ने रोड बनवा दिया। विरोध करने और लोक शिकायत निवारण कानून की मदद से रैयती जमीन तो छोड़ दी मगर आदेश के बाद भी सड़क निर्माण पूरा नहीं किया।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 07:29 AM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 07:29 AM (IST)
Nawada News: जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के निर्देश के बाद भी ग्रामीण कार्य विभाग ने नहीं बनवाई सड़क
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के निर्देश की अवहेलना, सांकेतिक तस्‍वीर।

रजौली (नवादा), संवाद सहयोगी। प्रखंड के बहादुरपुर में सरकारी जमीन उपलब्ध होने के बावजूद भी बिना अनुमति लगभग 100 फीट रैयती जमीन पर सड़क का निर्माण कर दिया गया है। हालांकि अपीलार्थी द्वारा विरोध किए जाने पर ठीकेदार ने उनकी रैयती जमीन को छोड़ दिया। मगर साथ ही सरकारी जमीन पर भी पर सड़क निर्माण वर्ष-2016 से अधूरा छोड़ दिया गया।

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इस मामले को लेकर अपीलार्थी चंद्रशेखर आजाद ने 8 जनवरी 21 को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के टॉल फ्री नंबर 18003456284 पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद पटना से यह मामला जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी,नवादा के पास ट्रांसफर किया गया। जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने दायर परिवाद पर 09 अप्रैल 21 को अंतिम सुनवाई करते हुए 13 अप्रैल 21 को ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि वह सरकारी जमीन पर डायवर्सन बनाकर गांव के यातायात को सुगम करें और रैयती जमीन को छोड़ दें। रैयती जमीन को छोड़कर रोड की सरकारी जमीन पर डायवर्सन बनाने का आदेश दिया। बावजूद कार्यपालक अभियंता द्वारा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना करते हुए डायवर्सन नहीं बनाया गया।

जब-जब अपीलार्थी ने कार्यपालक अभियंता से डायवर्सन बनाने का अनुरोध किया, तब-तब विभाग के कार्यपालक अभियंता ने 'मौसम खराब है' का बहाना बनाकर डायवर्सन बनाने से इंकार करते रहे। थक-हारकर अपीलार्थी चंद्रशेखर आजाद ने 29 जून को मगध प्रमंडल के आयुक्त प्रथम अपीलीय पुनरीक्षण प्राधिकार में आवेदन देकर मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया। लेकिन मगध प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त ने उक्त मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता को अपने वरीय पदाधिकारियों से संवाद कर एवं जानकारी लेकर काम किए जाने के नपा-तुला निर्देश देने के बाद वाद की कार्रवाई बंद कर दी। हालांकि जब सरकारी अधिकारियों के पास आवेदन दिए जाने के बावजूद भी सड़क निर्माण नहीं हुआ तो अपीलार्थी ने अपने खर्च से सरकारी जमीन पर डायवर्सन बनवा दिया। लेकिन अब भी बगैर सड़क निर्माण के मेंटेनेंस के रुपए लिए जा रहे हैं।

क्या था मामला- अपीलार्थी चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत वर्ष 2013-14 में एनएच-31 से मध्य विद्यालय, बहादुरपुर तक पक्की सड़क का निर्माण कार्य कराया जाना था। 15 अक्टूबर 2016 को निर्माण कार्य पूरा दिखा दिया गया। साथ ही इसके मेंटेनेंस के लिए अगले 5 वर्ष की अवधि भी निर्धारित की गई। अपीलार्थी ने बताया कि सरकारी जमीन के रहते हुए भी किसानों की रैयती जमीन पर ठेकेदार के द्वारा रोड बनवा दिया गया। जब अपीलार्थी ने इसका विरोध किया तो उनके जमीन के आगे 30 मीटर तक रोड नहीं बना करके सड़क निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया। इसके बाद अपीलार्थी ने ऑनलाइन परिवाद दायर कराया। जिसके बाद 13 अप्रैल 21 को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता को निर्देश देकर कहा कि जब 30 मीटर तक सड़क बनी ही नहीं तो विभाग के द्वारा इतनी दूरी तक के सड़क का मेंटेनेंस का पैसा किस आधार पर लिया जा रहा है।


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