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गैस का दाम बढ़ने से जिले में हांफ रही उज्ज्वला योजना

कैमूर। कोरोना के बाद अब आम लोगों पर लगातार आफत ही आते जा रही है जिसके बाद अब उनका

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 08:24 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 08:24 AM (IST)
गैस का दाम बढ़ने से जिले में हांफ रही उज्ज्वला योजना
गैस का दाम बढ़ने से जिले में हांफ रही उज्ज्वला योजना

कैमूर। कोरोना के बाद अब आम लोगों पर लगातार आफत ही आते जा रही है, जिसके बाद अब उनका बजट बिगड़ने लगा है। कुछ जगहों पर आलम यह है कि लोग फिर एक बार लकड़ी, उपला तथा चूल्हे की ओर देखने लगे है। कारण है लगातार गैस की बढ़ती हुई कीमत। फरवरी माह में ही लगातार गैस के दामों में तीन बार इजाफा हुआ है। जिससे गरीब तबके तथा मध्यम वर्गीय परिवार का बजट बिगड़ गया है। एक ओर पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतें तो दूसरी ओर गैस की बढ़ी हुई कीमत से बोझ पड़ने लगा है। अब आम लोग सरकार की ओर आंख टकटाकाए हैं कि शायद कुछ रियायत मिले। फिलहाल गुरुवार को गैस की कीमत में बढ़ोतरी के बाद से अब घरेलू गैस की कीमत 895 रुपया हो गया है। अभी इसमें भी संशय बना हुआ है कि कितनी सब्सिडी मिलेगी। दूसरी ओर लगातार सब्सिडी के दामों में भी कटौती कर के अब मात्र दहाई अंक के बीच में आ गया है। बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर अब कीमत बढ़कर 895 रुपया हो गया है । बता दें कि फरवरी महीने गैस सिलेंडर की कीमतों में यह तीसरी बार बढ़ोतरी हुई है। फरवरी में तीसरी बार बढ़ा गैस सिलेंडर का दाम-

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फरवरी महीने में तीन बार गैस सिलेंडर के दाम बढ़ा है । पहली बार चार फरवरी को दाम में 25 रुपये का इजाफा हुआ, उसके बाद 15 फरवरी को एक फिर से सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़ा था। अब यह तीसरी बार फिर से 25 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। सूत्रों की मानें तो पिछले तीन महीने में 200 रुपये तक गैस का दाम बढ़ा है। जिसका सीधा असर आम लोगों के जेब पर पड़ रहा है। गैस के बढ़ते दाम के कारण लोग अब त्रस्त होने लगे है।

सब्सिडी में मात्र मिल रहे 79.26 रुपये

अब गैस को रिफिल कराने के बाद 79.26 रुपया ही मिल रहा है। लेकिन अब दाम बढ़ने के बाद कितना सब्सिडी मिलेगी अभी यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई है। लगातार गैस के दामों के बढ़ोतरी होने के कारण भी सब्सिडी की राशि में बढ़ोतरी नहीं हुई। बढ़ते दाम के कारण उज्ज्वला योजना के लाभुक नहीं करा रहे रिफिल -

लगातार गैस के दामों में बढ़ोतरी होने के कारण आम लाभुक के साथ साथ उज्ज्वला योजना के लाभुक गैस को रिफिल कम करा रहे है। गैस के दाम बढ़ने के कारण उज्ज्वला योजना जिले में हांफने लगी है। उज्जवला योजना के लाभुक अब फिर से गैस को छोड़कर चूल्हा, लकड़ी व उपला की ओर फिर से आशांवित हो रहे है। विभिन्न गैस एजेंसियों के संचालकों ने बताया कि जो भी उज्ज्वला योजना के लाभुकों को फ्री में कनेक्शन दिया गया था। लेकिन बढ़े हुए दाम के कारण अब उज्ज्वला योजना के लाभुक कम की संख्या में गैस सिलेंडर को रिफिल करा रहे है। किसी गैस एजेंसी से तीन प्रतिशत तो किसी गैस एजेंसी से 30 प्रतिशत उज्ज्वला योजना के लाभुक गैस को रिफिल करा रहे है। अधौरा में कम लोगों को मिला उज्ज्वला योजना का लाभ -

अधौरा में आज भी उज्ज्वला योजना का लाभ कम लोगों को मिला है। वहां के लोग अब भी लकड़ी और चूल्हा पर आश्रित है। वहां आज भी दोपहर में बच्चे व महिलाएं लकड़ी के लिए जंगल में निकल जाते है और शाम तक लकड़ी लाने के बाद शाम व अगले सुबह तक का भोजन पकता है। फिर अगले दिन यही प्रक्रिया चलती है। हालांकि अधौरा में कितने लोगों को उज्ज्वला योजना का लाभ मिला है इसका आंकड़ा आपूर्ति विभाग के पास से भी नहीं प्राप्त हो सका। विडंबना है कि अधौरा में अब तक कोई गैस एजेंसी भी नहीं खुल सकी है।

जिले में उज्ज्वला योजना के लाभुकों की स्थिति -

नागा बाबा गैस एजेंसी - 16517

सिप्रा गैस एजेंसी - 4342

उमा इंडेन सर्विस भभुआ- 479

लक्ष्मी गोविद एचपी गैस वितरक सोनहन- 17447

गुरू कृपा इंडेन ग्रामीण वितरक- 18916

हनुमत इंडेन टोड़ी - 21890

सत्ती इंडेन ग्रामीण वितरक सलेमपुर - 6367

मां दुर्गे इंडेन एजेंसी मोहनियां- 12153

आर्य भारत एजेंसी कुदरा - 3924

अन्नपूर्ण इंडेन ग्रामीण वितरक नुआंव - 8593

सूर्या इंडेन ग्रामीण वितरक रामगढ़ - 6783

सुरानी भारत गैस ग्रामीण वितरक गोड़सरा - 11788


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