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सौभाग्य मिला है जन्मभूमि पर मंदिर बनाने का

गया अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया स्थित जगन्नाथ मंदिर परिसर में शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण हेतु निधि समर्पण अभियान का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी सत्य प्रकाश महाराज श्रीराम जन्मभूमि के ट्रस्टी सदस्य कामेश्वर चौपाल आरएसएस के दक्षिण बिहार प्रांत के प्रचारक राणा प्रताप संजय सिंह अनूप केडिया कौशलेंद्र प्रताप रणविजय सिंह सहित अन्य ने संयुक्त् रूप से दीप प्रज्वलित कर किए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 11:44 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 11:44 PM (IST)
सौभाग्य मिला है जन्मभूमि पर मंदिर बनाने का
सौभाग्य मिला है जन्मभूमि पर मंदिर बनाने का

गया : अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया स्थित जगन्नाथ मंदिर परिसर में शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण हेतु निधि समर्पण अभियान का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी सत्य प्रकाश महाराज, श्रीराम जन्मभूमि के ट्रस्टी सदस्य कामेश्वर चौपाल, आरएसएस के दक्षिण बिहार प्रांत के प्रचारक राणा प्रताप, संजय सिंह, अनूप केडिया, कौशलेंद्र प्रताप, रणविजय सिंह सहित अन्य ने संयुक्त् रूप से दीप प्रज्वलित कर किए। चौपाल ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी सौभाग्यशाली है। उन्हें जन्मभूमि पर मंदिर बनाने का सौभाग्य मिला है। पहले तो कई राजाओं ने मंदिर का निर्माण कराया है। लेकिन इस बार मंदिर को प्रजा बनवाए। इसलिए निधि समर्पण अभियान का शुभारंभ किया गया है। मंदिर के दिव्यता और भव्यता में सभी का संकल्प समाहित रहे। हम भव्य मंदिर निर्माण की सूचना देने आए हैं। वैसे भी राम मंदिर को लेकर हर कार्य में गया के हिन्दूओं का संकल्प देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि हिन्दू चेतना का अभियान चलेगा और बिहार के 35 हजार गांवों में कार्यकर्ता घर-घर जाकर निधि संग्रहण का कार्य करेंगे। इस अभियान में सूबे से डेढ़ करोड़ हिन्दू परिवार से और साढ़े सात करोड़ हिन्दू से प्रत्यक्ष रूप से जुड़कर कुछ न कुछ संग्रहण करना है। स्वामी जी ने कहा कि राम हमारे सांस्कृतिक गौरव हैं। भारतीय आध्यात्मिक चेतना के कण-कण में राम बसे हैं। सनातन चितन, समाज और संस्कृति सब के आत्मा राम हैं। भारतीय संस्कृति के मूल प्रति में राम को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि राम-कृष्ण और बुद्ध भारत के दिल हैं। इन्हें निकाल देने से भारत- भारत नहीं रहेगा। ये सभी भारतीय संस्कृति के चेतना है और राम उनकी आत्मा। राणा प्रताप ने कहा कि राम मंदिर को बचाने में 76 युद्ध हुए। 492 साल तक पूर्वजों ने संघर्ष किया। लगभग चार लाख हिदू पूर्वज इस कार्य में शहीद हुए। तब जाकर आज यह सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि 1989 में जब राम शिला पूजन के लिए पूरे देश से ईंट संग्रह करने का काम किया जा रहा था तो तत्कालीन उत्तर प्रदेश की सरकार ने विरोध किया। राम भक्त गिरफ्तार किए गए। लेकिन हमारी लड़ाई चलती रही। 30 अक्टूबर 1990 को कार सेवा प्रारंभ हुई। अंतत: 6 दिसंबर 1992 को वह स्वर्णिम दिन आया, जब कथित विवादित बाबरी मस्जिद को विध्वंस कर राम लला की पूजा अर्चना शुरू की गई।मौके पर डेल्टा परिवार की ओर से संजय सिंह व उनकी पत्नी अनिता सिंह व बच्चे, हमारा पंप की ओर से नंदकिशोर प्रसाद, विनय सिंह, अशोक यादव, शंकर यादव, नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोरमा देवी, सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता, मगध स्वीटस की ओर से संतोष कुमार, लल्लू गुप्ता, विजय कुमार यादव, बिरेन्द्र कुमार शर्मा, अनूप केडिया सहित अन्य ने चेक के माध्यम से निधि समर्पण अभियान में धनराशि दिए। कार्यक्रम में मंच का संचालन राकेश रंजन ने किया। इधर, विष्णुपद प्रांगण में भी श्रीराम जन्म भूमि मंदिर निधि समर्पण अभियान का शुभारंभ किया गया। जहां काफी संख्या मं श्रद्धालु मौजूद थे। उपसिथत लोगों ने श्रीराम के मंदिर निर्माण सहयोग करने का संकल्प लिया। इसी तरह गया जिले में 1300 टोली निधि संग्रह में लगे है। यह अभियान 27 फरवरी तक चलेगी।

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