विवादित ढांचा के शिखर पर चढ़ने वाले दिनेश का सपना हुआ साकार
गया। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण लिए भूमि पूजन पर शहरवासी काफी प्रसन्न दिखे लेकिन सबसे ज्य
गया। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण लिए भूमि पूजन पर शहरवासी काफी प्रसन्न दिखे, लेकिन सबसे ज्यादा खुशी नई सड़क मोहल्ला निवासी दिनेश गांधी के चेहरे पर दिखी। जो छह दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा के शिखर पर चढ़े थे और देखते-देखते ही विवादित ढांचा धराशायी हो गया था। इसमें दिनेश ने भी अपना दमखम दिखाया था। बुधवार को जब अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन कर रहे थे, तब दिनेश विवादित ढांचा को तोड़ने का फोटो देखकर पुरानी यादों में खोए थे। उन्होंने कहा कि कारसेवक बनकर अयोध्या पांच लोग गए थे। जिसमें मेरे अलावा डॉ. रमेश कुमार, चमन लाल गुप्ता, चितरंजन कुमार सिन्हा एवं निरंजन प्रसाद थे। हम सभी लोग चार दिसबंर को गया से ट्रेन से अयोध्या गए थे। छह दिसम्बर को ढांचा के धराशायी होने से पहले कारसेवकों की एक विशाल सभा हुयी थी। जिसे लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, अशोक सिंघल सहित कई भाजपा नेताओं ने संबोधित किया था। लालकृष्ण आडवानी का भाषण समाप्त होने के बाद कारसेवक विवादित ढांचा की ओर बढ़ने लगे और लगभग पांच घंटे बाद वहां से ढांचा का नामो निशान मिट गया। कारसेवकों ने टूटे ढांचा का ईट अपने घर लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि आज काफी खुशी हो रही है। आज मेरा सपना साकार हुआ। ऐसा लगता है कि मेरे जीवनकाल में श्रीराम मंदिर का निर्माण हो जाएगा। तब एक बार अयोध्या जाकर अवश्य ही श्रीराम का दर्शन कर पूजन करूंगा।