गेहूं की खेती को पहले बारिश ने धोया अब कोरोना बना संकट
फोटो 210 -खेतों में पककर तैयार है गेहूं की फसल हार्वेस्टर चलाने वाले नहीं मिल रहे -गया में पंजाब से आते हैं हार्वेस्टर के चालक व ऑपरेटर -देश में कोरोना संकट की वजह से लॉकडाउन दूसरे प्रदेश से किसी का गांव तक आना मुश्किल -रह-रहकर खराब होता मौसम किसानों के लिए बना हुआ है सिरदर्द -किसानों ने कहा गांवों में मजदूरों की है किल्लत सरकार जल्द करे पहल
विनय कुमार पांडेय, गया
जिले में पिछले कई साल से मौसम किसानों के साथ जुआ खेल रही है। पिछले साल सूखा ने खेती का इम्तिहान लिया। खरीफ की फसल बर्बाद हुई। अब रबी में जब गेहूं की अच्छी उपज की उम्मीद बनी तो हाल ही में हुई बेमौसम बरसात ने फसल को बड़ा नुकसान हुआ। जो बची खुची खेती है अब उसपर कोरोना का संकट मंडरा रहा है। ज्यादातर खेतों में गेहूं की फसल पककर तैयार हो चुकी है। यह कटकर दौनी करने की स्थिति में है, लेकिन मौजूदा हालात यह है कि लॉकडाउन के कारण ना तो कोई हार्वेस्टर आने को तैयार है। ना तरीके से मजदूर मिल रहे हैं। अनेक किसान इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं उनकी पकी हुई फसल खेत में ही ना रह जाए। किसानों की चिंता इसलिए भी वाजिब दिखती है क्योंकि समय-समय पर मौसम का मिजाज बिगड़ जा रहा है।
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हार्वेस्टर के ऑपरेटर पंजाब
से नहीं आ रहे
अनेक किसानों ने कहा कि हार्वेस्टर से गेहूं की कटाई हो जाती थी, लेकिन इस बार इस आधुनिक उपकरण को चलाने के लिए उनके ऑपरेटर, चालक पंजाब से बिहार नहीं आ पा रहे। वाहनों का परिचालन बाधित रहने से यह स्थिति है।
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आसमान में उमड़ते बादल
बन रही चिंता का कारण
धान की फसल तैयार है। इस बीच यदि बारिश हो गई तो पकी हुई फसल पूरी तरह से तबाह हो जाएगी। बालियां खेतों में गिर जाएगी। संभव है दाने भी खेतों में ही झर जाएं। शनिवार को जिले का मौसम खराब रहा। सुबह में आसमान में छाए बादलों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी। दिन भर पुरबइया हवा भी उनकी चिंता को बढ़ाते रहे।
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प्रखंडों से मांगी है हार्वेस्टर की सूची, जल्द निकलेगा समाधान : डीएओ
सभी प्रखंडों में उपलब्ध रहे हार्वेस्टर की सूची मांगी गई है। सूची उपलब्ध होने के बाद वरीय अधिकारियों से बातचीत कर चालक व ऑपरेटर को लाने की कवायद की जाएगी। कृषि मंत्री के संज्ञान में गेहूं की कटनी जो प्रभावित हो रही है उसकी जानकारी दी गई है। जल्द ही किसानों के हित में कुछ सकारात्मक निर्णय लिए जाएंगे। अशोक कुमार सिन्हा, जिला कृषि पदाधिकारी, गया।
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हर बार हार्वेस्टर मशीन से ही गेहूं की कटाई होती है। इसके चालक व ऑपरेटर पंजाब से आते हैं। लॉकडाउन व खराब मौसम के कारण चिंता बनी हुई है। मजदूर के बूते गेहूं की कटाई काफी मुश्किल वाली बात है।
अरूण कुमार सिंह, इस्माइलपुर, फोटो-207
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हाल ही में हुई बारिश व ओला से फसल बर्बाद हुई। फसल जब पक चुकी है तो देश कोरोना संकट से जूझ रहा है। किसानों के लिए बहुत बड़ी परेशानी का समय है। सरकार को पहल करनी चाहिए।
अनिरूद्ध प्रसाद यादव, रौदा, फोटो-208
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गांव के मजदूर बहुत अधिक रेट मांगते हैं। इलाके में पर्याप्त संख्या में मजदूर भी नहीं मिल पाते। हार्वेस्टर से गेहूं की कटाई आसानी से हो जाती है। मौसम यदि खराब हो गई तो सारी पूंजी खेत में ही रह जाएगी।
विनय कुमार मिश्र, रौनिया, फोटो-209