नौ दिनों में मेडिकल में भर्ती हुए 57 पिंडदानी, छह का चल रहा इलाज
पितृपक्ष मेला में आए पिंडदानियों की तबियत बिगड़ने पर बेहतर इलाज के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में विशेष वार्ड बनाया गया।
गया । पितृपक्ष मेला में आए पिंडदानियों की तबियत बिगड़ने पर बेहतर इलाज के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में विशेष वार्ड बनाया गया। यहां नौ दिनों में इलाज के लिए 57 पिंडदानी भर्ती हुए। कुछ मरीजों को यहां से पीएमसीएच पटना रेफर किया गया तो कई स्वस्थ होकर घर लौट गए। अभी यहां उत्तर प्रदेश के अजमगढ़ के 75 वर्षीय सीता देवी, राजस्थान के सिकैहर जिला के सरवरी गांव के 73 वर्षीय कन्हैया लाल, उत्तर प्रदेश के 60 वर्षीय साइल कुमारी, राजस्थान के 70 वर्षीय पची देवी, उत्तर प्रदेश के 65 वर्षीय कौशिक, इलाहाबाद के 65 वर्षीय रामकृपाल मिश्रा उपचाराधीन हैं। मरीज के परिजन नमो नारायण तिवारी का कहना है कि मैं तो यहां कई साल से पितृपक्ष मेला में आकर पूर्वजों की मोक्ष प्राप्ति के लिए फल्गु में पिंडदान करता हूं। गत वर्ष भी हमारे साथ रहे एक यात्री को लेकर मेडिकल आया था पर व्यवस्था कोई खास अच्छी नहीं थी। इस वर्ष मेडिकल में बेहतर व्यवस्था है। बीमार पिंडदानियों के लिए एसी युक्त वार्ड बनाया गया है। यहां हर समय नर्स तैनात रहती हैं। चौबीस घंटे में तीन चार बार मरीजों को देखने चिकित्सक आते हैं। कुछ दवा यहां मिलती तो कुछ बाहर से खरीद कर लाना पड़ता है।
पितृपक्ष मेले में आए पिंडदानियों को हैजा होने पर इलाज की बेहतरीन व्यवस्था शहर के संक्रामक रोग अस्पताल में की गई है। यहां आठ दिनों में 35 पिंडदानी भर्ती हुए हैं। डॉ. पंकज कुमार एवं ए ग्रेड नर्स रीता कुमारी ने बताया कि सभी मरीज हैजा रोग से ग्रसित थे, जो स्वस्थ होकर घर लौट गए।