Move to Jagran APP

चौतरफा समस्याओं से घिरे हैं चौगाई गांव के लोग

पेज- फोटो 38 से लगातार 45 तक -नल जल योजना का लाभ 50 घरों के लोगों तक ही सीमित नाली नहीं बनने से सोख्ता बनाकर गंदा पानी को रखते हैं ------------ परेशानी -लो वोल्टेज की समस्या से सिंचाई व अन्य कार्य हो रहे प्रभावित -सड़क किनारे जलजमाव वाले स्थान पर पुलिया बनाने की मांग ---------- -500 घर हैं इस गांव में -3000 है गांव की आबादी ---------- संवाद सूत्र बाकेबाजार

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 09:44 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 06:32 AM (IST)
चौतरफा समस्याओं से घिरे हैं चौगाई गांव के लोग
चौतरफा समस्याओं से घिरे हैं चौगाई गांव के लोग

गया । प्रखंड मुख्यालय से छह किलोमीटर दूर ग्राम चौगाई में समस्याओं का अंबार है। पांच सौ घरों की इस बस्ती में लगभग तीन हजार की आबादी बसती है। यहां नल जल योजना पर तो काम दिखा पर ग्रामीणों के काम नहीं आ रहा। मात्र 50 घरों पानी की आपूर्ति की जा रही है, जो कुछ दिनों के अंतराल पर की जाती है। बिजली की समस्या से लोग परेशान हैं। लो वोल्टेज की समस्या है यहां। ग्रामीणों ने बताया चुनाव के समय में सांसद सुशील कुमार सिंह गाव आए थे। 100 केवीए का दो ट्रासफार्मर लगाने की बात कह गए पर लगा नहीं। इस कारण सिंचाई प्रभावित है। यहां सिंचाई का कोई स्थायी साधन नहीं है। लोगों की मांग है कि गाव के उत्तर पहाड़ की तलहटी में प्रस्तावित हदहदवा डैम बना दिया जाए तो इस गाव के अलावा कई गाव सिंचाई के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएंगे। गाव को पक्की सड़क से नहीं जोड़ा गया है। लोगों ने कहा गाव से निकलने वाला मुख्य रोड प्रमोद साहू के घर से पूरब इमामगंज रोड तक पीसीसी करने की जरूरत है। अनुसूचित टोला में दीहवार स्थान से दक्षिण मेन रोड लचका तक रोड में ईट सोलिंग के साथ पीसीसी की जरूरत लोग महसूस कर रहे हैं। सड़क किनारे जल जमाव वाले स्थान पर आरसीसी पुलिया बनाने की मांग लोगों ने की। सुनील यादव के घर से महादेवस्थान तक पक्की सड़क बनाने के लिए जगह होते हुए भी नहीं बन पाना ग्रामीणों को इस बात का दर्द है। गाव में नाली नहीं बने रहने से गांव में कच्ची नाली बजबजाती रहती है। ग्रामीणों ने कहा प्रमोद साहू के घर के पास से दक्षिण रोड तक पईन के लिए नक्शा में निर्धारित जगह में इसकी खोदाई करा दी जाए तो गाव की नाली का पानी के निकास का रास्ता निकल आएगा। लोग अपने अपने घरों में सोख्ता बनाकर गंदे पानी को डालते हैं। जो बीमारी का घर है। गाव में मध्य विद्यालय है, पर बच्चों ने बताया पढ़ाई अच्छी नहीं होती है। गाव में कई लोग बेरोजगार हैं।

loksabha election banner

--

गाव का गौरव

गाव के युवक विनोद कुमार गुप्ता झारखंड में प्रोग्राम पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। भरत प्रसाद वित्त रहित इंटर कॉलेज के लेक्चरर के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। मैट्रिक पास युवक युवतियों की संख्या एक सौ के आसपास है। स्नातकों की संख्या 25 है। एमए कर चुके तीन हैं और दो अध्ययनरत हैं। गांव में एक सिपाही, दो शिक्षक, दो रेलवे, तीन आयकर विभाग, कोल फील्ड दो लोग नौकरी कर रहे हैं।

--

गाव के विकास से जनप्रतिनिधियों का कोई सरोकार नहीं है। नाली की समस्या विकट है। लोग अपने घरों में सोख्ता बनाकर गंदा पानी जमा करते हैं। जो बीमारी पैदा करता है।

अमर सिंह, उपसरपंच

--------

गाव में बिजली की घोर समस्या है। सासद सुशील सिंह चुनाव के पूर्व गाव में आकर 100 केवीए के दो ट्रासफार्मर लगाने का वादा कर गए थे। जीत के बाद वे भूल गए। हम लोग ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

निरंजन कुमार, ग्रामीण

---------

बिजली की समस्या से लोग परेशान हैं। गाव की आबादी के हिसाब से समुचित शक्ति का ट्रासफार्मर लगना चाहिए। सांसद यदि अपना वादा पूरा कर देते तो समस्या दूर हो जाती।

प्रो. भरत सिंह, ग्रामीण

---------

गाव में सिंचाई का कोई साधन नहीं है। कृषि के लिए भी अलग से ट्रांसफार्मर होना चाहिए। लो वोल्टेज के कारण सिंचाई की समस्या बराबर बनी रहती है।

जगदेव यादव, ग्रामीण

--------

गाव के लगभग 80 अनुसूचित जाति के लोगों के पास जमीन का परवाना है। आज तक एक लोगों को उस पर कब्जा नहीं मिला। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।

रामजी मंडल, ग्रामीण

--------

बिजली की घोर समस्या है। गाव में लगे बिजली के तार जर्जर हैं। देवी स्थान के पास बिजली का तार काफी नीचे लटका है। जिससे दुर्घटना हो सकती है। विभाग के अधिकारियों से कहा गया पर ध्यान नही दिया जा रहा है।

बृजबिहारी सिंह, ग्रामीण

----------

अनुसूचित टोले में रहने वालों की समस्याओं को लोग नजरअंदाज करते है। इस टोला में नाली गली बनना चाहिए। जो आज तक नहीं बना है।

छतरी मंडल, ग्रामीण

----------

गाव का ऐतिहासिक विरासत

गाव में ऐतिहासिक विरासत के रूप में कोल्ह राजा का गढ़ है। जो कभी महल हुआ करता था। लोगों ने बताया इसकी दीवार मिट्टी में गुड़ का छोवा मिलाकर तैयार किया गया था। मिट्टी से बनी इसकी दीवार ईट से ज्यादा आज भी मजबूत है। जब कोल्ह राजा गाव छोड़कर चले गए थे। उसके कुछ समय बाद इस महल (गढ़) में मुंदर लाल जमींदार आकर रहने लगे। जिनके मरने के बाद उनके वारिस अखौरी नर्मदेश्वर लाल रहने लगे । जिनके देहात के बाद नर्वदेश्वर लाल के बारिश महल की देखरेख कर रहे हैं। फिलहाल महल में कोई रहता नहीं। कभी कोई आकर साफ सफाई करा कर बंद कर चले जाते हैं। जो इस महल की देखरेख करते हैं वे झारखंड के चतरा में रहते हैं। लोग बताते हैं कि इस महल के अंदर अमूल्य संपति छिपी है। जिसे ग्रामीणों ने कभी देखा नहीं है।

-----------

-प्रस्तुति : देवनंदन प्रसाद

-मोबाइल नंबर : 9931222673

----------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.