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बिजली की कटौती बेहिसाब, स्वास्थ्य और शिक्षा का हाल भी बदहाल

फोटो 30 से 36 41 से 44 --------- -डोभी प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर दूर बसे कुशा गांव के लोगों को नहीं मिल रही मूलभूत सुविधाएं ---------- अनदेखी -निलाजन नदी से निकले नहर में पानी नहीं होने से परेशानी -आपसी सौहार्द के लिए गांव की दी जाती है मिसाल --------- -1000 घर है इस गांव में फिर सुविधाएं नहीं -02 मुख्य सड़केंजीटी रोड और डोभी-चतरा पहुंचती हैं गांव तक -15 लोग इस गांव के हैं सरकारी नौकरी में कई शिक्षित बेरोजगार -------- संवाद सूत्र डोभी

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 06:58 PM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 06:58 PM (IST)
बिजली की कटौती बेहिसाब, स्वास्थ्य और शिक्षा का हाल भी बदहाल
बिजली की कटौती बेहिसाब, स्वास्थ्य और शिक्षा का हाल भी बदहाल

गया । प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर दूर बसे कुशा गांव के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए सरकार की ओर टकटकी लगाए हैं। गांव की सड़क जर्जर है तो बिजली की कटौती बेहिसाब है। स्वास्थ्य और शिक्षा का हाल भी बदहाल है। सरकार द्वारा चलाई जा रही कई योजनाएं इस गांव से कोसों दूर है। हालांकि, इस गांव का आपसी सौहार्द क्षेत्र के मिसाल है।

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काफी मात्रा में कुश होने से पड़ा कुशा नाम : लोग बताते हैं कि यह क्षेत्र पूरी तरह से जंगल था, जहा कुश काफी मात्रा में उगता था। इसके कारण लोग कुश से कुशा कहने लगे। आखिरकार तीन सौ साल पुराने गाव का नाम कुशा पड़ गया। गाव में प्रवेश करने के लिए दो मुख्य सड़क जीटी रोड और डोभी-चतरा सड़क हैं। गाव की सीमा दोनों सड़कों से लगती है। गाव के अंदर मुख्य सड़क सिनीय पंचायत प्रतिनिधि के द्वारा पक्कीकरण कर दिया गया, परंतु मुख्य मार्ग की हालत खराब है। इसकी मरम्मत नहीं होने से सड़क टूट गई है। डोभी प्रखंड में शिक्षा और शिक्षित लोगों की बात किसी की जुबान पर आए तो पहले कुशा का नाम आता है।

एक हजार घर वाले इस गाव में बीजा, जयप्रकाश नगर, सियरभुक्की, मुगेंशपुर, चकला, जयरामपुर और शिवनगर समेत सात टोले हैं। इस गाव में प्रारंभ में परास के पत्ते पर लाह उगाए जाते थे, जिसे दूर-दूर तक भेजा जाता था। प्रारंभ मे यह गाव लाह उत्पादन केंद्र के रूप मे जाना जाता था। सरकार गाव के निजी तालाब को अधिग्रहण कर अस्तित्व खत्म करने में लगी है।

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सिंचाई के लिए पानी नहीं

मुख्य रूप से इस गाव के लोगों का व्यवसाय कृषि है। निलाजन नदी से निकले नहर की स्थिति खराब होने के कारण खेतों की सिंचाई में परेशानी हो रही है। इससे कृषि कार्य भी बाधित हो रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि कोई भी सरकार किसान के भला के लिए कुछ नही सोच रही है। सिर्फ घोषणा ही आधार बन गया है सब का। गाव के उमेश प्रसाद चंद्रवंशी ने अपनी पूरी जमीन बेच कर बेटा विवेक कुमार को आइएएस बनाया, जो अभी दिल्ली में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। स्थानीय विधायक विनोद प्रसाद यादव की घोषणा तालाब का सौदर्यीकरण करना और नौका विहार करवाने की बात पूरी तरह से छलावा साबित हो रहा है।

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गाव की समस्याओं को सही पटल पर रखकर उसका समाधान करने की कोशिश करता हूं। गाव का पौराणिक तालाब का जिर्णोद्धार होना अति आवश्यक है, जिसे ग्रामीणों के सहयोग को लेते हुए पूरा करवाने का प्रयास करूगा। गाव में नली-गली, उच्च शिक्षा पर भी चर्चा की जा रही है।

अनिल कुमार, सरपंच

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प्रतिनिधियों का वेतन और पेंशन बंद कर देना चाहिए। उन रुपयों से गाव का विकास होना चाहिए। विधायक और सासद को बेकार में कई प्रकार की सुविधा सरकार दे रखी है। इस राशि को गाव के विकास में लगा देनी चाहिए।

-बालकिशुन यादव, पूर्व मुखिया और पूर्व उप प्रमुख, कुशा-बीजा पंचायत

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गाव का तालाब अतिक्रमण मुक्त होना चाहिए। तालाब की गहराई बढ़ाई जाए। सरकार द्वारा जबरन गाव के इस तालाब को अधिग्रहण करके बर्बाद किया जा रहा है। इसकी खोदाई नहीं होने से पानी गंदा होते जा रहा है।

कोमल यादव, रिटायर्ड इंजीनियर

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कुशा गाव के मुख्य द्वार वर्षो से अर्ध निर्मित है, जिसे पूरा किया जाना चाहिए। सरकार द्वारा इस अधूरे कार्य पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सिर्फ और सिर्फ लूट मचाने वाले कार्य करवाए जाते हैं। गाव में हाई मास्क लाइट भी लग जाती तो सोने मे सुहागा हो जाता।

शंभु केसरी, ग्रामीण

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गाव के 80 प्रतिशत लोग मैट्रिक पास हैं, लेकिन बेरोजगार हैं। गाव के 15 लोग सरकारी नौकरी में हैं। मैट्रिक के बाद की पढ़ाई की कोई व्यवस्था इर्द-गिर्द नहीं होने के कारण लड़के बाहर जाकर पढ़ लेते है, लेकिन लड़कियां वंचित रह जाती हैं।

रामकृष्ण यादव, शिक्षक

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गाव में 11 जाति के लोग रहते हैं। किसी भी प्रकार के विवाद का समझौता गाव में ही कर दिया जाता है। वो चाहे किसी भी जाति के हों। गाव के सभी कार्यक्रम को मूर्त रूप देने में सभी एक साथ रहते हैं। गाव में एकता प्रारंभ से आज तक बरकरार है। खुशी हो या गम सभी लोग शरीक होते हैं।

उदय कुमार, ग्रामीण

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नल जल योजना को बंद करके सरकार सर्वे करके चापाकल लगाने का कार्य करे। विद्यालय की चारदीवारी नहीं है। शिक्षकों का अभाव है। जय राम गिरी उच्च विद्यालय का उच्चतर तक मान्यता मिलना चाहिए ताकि शिक्षा के स्तर में और सुधार हो सके।

रामसेवक प्रसाद सिंह, शिक्षक

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गाव को आदर्श बनाने का प्रयास अपने स्तर से किया जा रहा है। गाव में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का होना आवश्यक है ताकि बीमार होने पर प्राथमिक उपचार के लिए दूसरी जगह नहीं जाना पड़े। गाव के सभी मंदिर की चारदीवारी हो।

बालो यादव, ग्रामीण

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प्रस्तुति : नीरज कुमार मिश्र

मोबाइल नंबर : 9931722926

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