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पूरब की ओर बढ़ाई जाएगी हवाईअड्डा के रनवे की लंबाई

- गया अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा के विस्तार की है नई योजना पिछली बार भूमि अधिग्रहण के अड़ंगे से नहीं हुआ कार्ययोजना पर अमल अधिग्रहित होने वाली भूमि हरियो 05.42 एकड़ चरोआ 07.80 एकड़ दुबहल 15.59 एकड़ विशुनगंज 60.14 एकड़ ................ हवाईअड्डा के विकास और विस्तार की कार्ययोजना है। उस पर काम हो रहा है। मामला विभागीय है इसलिए स्पष्ट तौर पर कुछ भी कहना मुनासिब नहीं होगा। - दिलीप कुमार सिन्हा निदेशक गया अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा जागरण संवाददाता बोधगया

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 02:40 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 06:35 AM (IST)
पूरब की ओर बढ़ाई जाएगी हवाईअड्डा के रनवे की लंबाई
पूरब की ओर बढ़ाई जाएगी हवाईअड्डा के रनवे की लंबाई

गया । गया अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा का रनवे मौजूदा जरूरतों के हिसाब से छोटा पड़ रहा है। इसे पूर्व (पूरब) दिशा की ओर बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है। इसके लिए तकरीबन 89 एकड़ जमीन की जरूरत होगी, जिसका अधिग्रहण किसी चुनौती से कम नहीं होगा। प्रस्ताव पर अभी आखिरी मुहर नहीं लगी है, लेकिन राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने प्रारूप का अवलोकन कर लिया है और प्रारंभिक तौर पर उसकी सहमति है। वैसे पूरब की ओर रनवे के विस्तार में अड़ंगे की आशंका भी है। पूरब दिशा में पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग-83 है। उसके किनारे डीएवी स्कूल सहित कई दूसरी इमारतें हैं। आशंका तकनीकी और अदालती पेच की है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग-83 को फोर लेन में तब्दील किए जाने में सबसे बड़ा अड़ंगा भूमि का है। दरअसल, इससे पहले हवाईअड्डा के विस्तार और विकास की कई योजनाएं बनीं, लेकिन भूमि अधिग्रहण के पेच से कामयाबी नहीं मिली। रनवे का विस्तार पहले पश्चिम दिशा की ओर करने का प्रस्ताव था। पश्चिम में विशुनगंज और चरोवा गांव हैं। वहां के वाशिंदों के विरोध के कारण प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया। ग्रामीणों का तर्क था कि हवाईअड्डा के विस्तार के मद्देनजर इससे पहले भी दो बार भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। अब तीसरी बार अधिग्रहण से ग्रामीण भूमिहीन हो जाएंगे। बोइंग विमान के लिए छोटा है रनवे: अपने अंतरराष्ट्रीय महत्व के कारण गया हवाईअड्डा से बड़े विमानों के परिचालन की काफी गुंजाइश है। मौजूदा रनवे बोइंग और जंबो जेट विमानों की उड़ान के लिए पर्याप्त नहीं। रनवे की लंबाई अभी सात हजार पांच सौ फीट है। बोइंग और जंबो जेट विमान के लिए कम से कम नौ हजार फीट का रनवे चाहिए। इस हिसाब से रनवे की लंबाई कम से कम डेढ़ हजार फीट बढ़ानी होगी। हालांकि इसी रनवे पर एक बार अपने कला-कौशल का परिचय देते हुए विदेशी पायलट ने बोइंग विमान की लैंडिंग कराई थी, लेकिन वैसे प्रयासों के साथ आशंका भी जुड़ी होती है। दिसंबर से प्रस्तावित है कारगो सेवा: गया हवाईअड्डा से इस साल दिसंबर से कारगो सेवा शुरू करने की योजना है। इसके लिए विभागीय स्तर से तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। कारगो सेवा शुरू होने से गया के साथ मगध और शाहाबाद के व्यापारियों और किसानों को लाभ होगा।

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