झरना सरेन गांव की गलियां संकीर्ण, नहीं पहुंच पाती एंबुलेंस
पेज- फोटो 43 46 -गाव में बहुत बड़े नाले पर ढक्कन नहीं पटरा के सहारे छोटे-छोटे बचे करते हैं पार हो चुके हैं हादसे ------------- परेशानी -नली गली निर्माण योजना गांव में क्रियान्वित नहीं -पेयजल की घोर किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण उपस्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं --------- -20 वर्ष से संचालित मदरसे में पेयजल सुविधा नहीं - ---------- संवाद सूत्र अतरी
गया । नीमचक बथानी प्रखंड अंतर्गत झरना सरेन पंचायत सह झरना सरेन गाव पहाड़ के किनारे बसा हुआ है। इस गाव की गलिया आज भी कच्ची है। अतिक्रमण के कारण गली का चौड़ीकरण नहीं हो पाया है। गली संकीर्ण होने के कारण एंबुलेंस घर तक नहीं पहुंच पाता है। नतीजा मरीजों को चारपाई से लादकर गाव के बाहर एंबुलेंस तक ले जाना पड़ता है। गाव में एक बहुत बड़ा नाला बना है, जिस पर ढक्कन नहीं है। ग्रामीण अपने छोटे छोटे बच्चों को पटरा के सहारे इस नाला को पार कराते हैं। कई बार बच्चे पार करते समय इस नाले में गिर भी जाते हैं। गाव में सात निश्चय के तहत एक भी कार्य नहीं हुए। नली गली निर्माण योजनाएं इस गांव में क्रियान्वित नहीं हो सकी है। पेयजल की घोर किल्लत से जूझ रहे ग्रामीणों ने बताया कि गाव में नल जल योजना का काम तो हुआ पर एक गिलास पानी उस नल से नहीं मिल रहा है, जबकि इस गांव में जल की समस्या है। 25 वर्ष पहले बना उपस्वास्थ्य केंद्र में न तो कोई डॉक्टर आते हैं और न स्थायी एएनएम रहती हैं। एएनएम सिर्फ नियमित टीकाकरण को आती हैं। बाकी दिन बंद रहता है। प्रखंडस्तरीय स्वास्थ्य केंद्र की दूरी यहां से दस किलोमीटर है। एक मध्य विद्यालय है। करीब 20 वर्ष से संचालित मदरसा में पेयजल सुविधा नहीं है। मदरसा से ब्रह्मा स्थान होते हुए नटेसर जंक्शन को जाने वाली सड़क कच्ची है। बड़ी आबादी वाले गांव में दोनों समुदाय के लोग रहते हैं। मदरसा के पास सामुदायिक भवन नहीं है। गाव के बीच में पहाड़ पर कर्बला तथा दरगाह है। पर पहाड़ पर जाने के लिए सीढ़ी का निर्माण नहीं होने से लोगों को धार्मिक आयोजनों में वहां तक जाने में परेशानी होती है। गांव के कब्रिस्तान तक जाने की व्यवस्था सुदृढ़ नहीं है। लोग इसकी जरूरत महसूस करते हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि कब्रिस्तान तक जाने वाले मार्ग पर प्रकाश की व्यवस्था जरूरी है। मध्य विद्यालय के चारदीवारी निर्माण की भी लोग जरूरत महसूस करते हैं। गांव के पास ही गुलबहर आहर से जल निकासी के लिए एक बड़ा नाला निकाल दिया जाए तो किसान खेतों में पटवन कर सकते हैं।
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42 वर्षो से संचालित है
वित्त रहित उच्च विद्यालय
गाव में वित्त रहित उच्च विद्यालय 1978 से संचालित है। यहां फिलहाल ढाई सौ छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं, जिसे प्लस टू का दर्जा देने की मांग लोग कब से करते आ रहे है। गाव के लड़के व लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए दूसरी जगह नहीं जाना पड़े। ग्रामीणों ने बताया 2007 में सरकार के शिक्षा विभाग ने विद्यालय संचालित करने वालों से कहा था कि हर वर्ष एक सौ छात्र छात्राएं यदि मैट्रिक की परीक्षा पास करते हैं तो एक छात्र के हिसाब से हर साल छह लाख रुपये दिए जाएंगे। इस राशि से विद्यालय संचालित कर रहे लोग आपस में बांटते हुए विद्यालय का सही तरीके से संचालन करेंगे। इस विद्यालय में फिलहाल 16 लोग हैं। जो बच्चों को पढ़ाने के अलावा विद्यालय का संचालन कर रहे हैं।
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पर्यटक स्थल उपेक्षित
जिस पर्यटक स्थल के नाम से सरेन गाव का नाम झरना सरेन पड़ा है। उस झरना का विकास नहीं हो पाया है। झरना की खासियत है कि इससे साल भर ठंडा पानी गिरता है, जहां पर्यटक आते हैं। इसी ठंडे पानी से स्नान करते हैं और इसी पानी से भोजन बनाते हैं। इस पानी की खासियत यह है कि इसके पीने से पाचन शक्ति मजबूत होती है और चर्म रोग से जो पीड़ित व्यक्ति निरोग हो जाता है। इस पर्यटक स्थल का विकास नहीं हो पाया है। यहां शौचालय और वस्त्र बदलने के लिए चेंजिंग रूम नहीं है। यहां पुलिस बलों की तैनाती नहीं किए जाने से पर्यटक असुरक्षित महसूस करते हैं। असामाजिक तत्व यहां लगाए गए लाइट को तोड़ दिया करते हैं।
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गाव की आबादी : 11,000
मतदाता : 3,500
मतदान केंद्र : 3
मध्य विद्यालय : 1
हाई स्कूल : 1
आगनवाड़ी केंद्र : 4
सामुदायिक भवन : 1
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लोगों की बातें
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झरना सरेन गाव में मदरसा के पास सामुदायिक भवन का निर्माण आवश्यक है। मुस्लिम टोले में कोई सरकारी भवन नहीं होने के कारण किसी भी तरह के सामाजिक कार्य को लेकर बैठने की जगह नहीं है। लोग खुले आसमान एवं पेड़ के नीचे बैठक करते हैं।
सैयद आलम
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मदरसा स्कूल से गुलबहार आहर होते हुए नटेसर जंक्शन तक पक्की सड़क निर्माण की माग दस वषरें से की जा रही है, लेकिन पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि इस ओर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
मो. हैदर इमाम
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ताजिया विसर्जन मार्ग पर अतिक्रमण है। उसकी वजह से हर साल मुहर्रम के दौरान प्रशासन को यहां एड़ी चोटी एक करनी पड़ती है। इस मार्ग को अतिक्रमण से मुक्त कराने की जरूरत है।
शाहजहा खातून
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11 हजार आबादी वाले गाव में एक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। ग्रामीणों को इलाज के लिए दस किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। गलियां संकीर्ण होने के कारण मरीजों को चारपाई पर ले जाना पड़ता है।
चंद्रिका प्रसाद, पूर्व मुखिया
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झरना सरेन गाव से पर्यटक स्थल झरना तक पक्की सड़क तथा शौचालय, पेयजल के साथ एक धर्मशाला की निर्माण होना चाहिए। पर्यटक स्थल पर सुरक्षा के लिए एक पुलिस चौकी भी होना चाहिए।
दीपक कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता