सुधा डेयरी परिसर के टैंक में डूबने से किशोर की मौत, मचा कोहराम
कटारी हिल रोड स्थित सुधा डेयरी परिसर में गर्म पानी से भरे टैंक में डूबने से 12 वर्षीय विनीत कुमार की मौत हो गई। वह इमलियाचक मोहल्ला निवासी संजय कुमार का पुत्र था। दुर्घटना पर दुख जताते हुए कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने सुधा डेयरी के चेयरमैन को मामले की जांच का आदेश दिया है।
गया। कटारी हिल रोड स्थित सुधा डेयरी परिसर में गर्म पानी से भरे टैंक में डूबने से 12 वर्षीय विनीत कुमार की मौत हो गई। वह इमलियाचक मोहल्ला निवासी संजय कुमार का पुत्र था। दुर्घटना पर दुख जताते हुए कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने सुधा डेयरी के चेयरमैन को मामले की जांच का आदेश दिया है। एपी कॉलोनी में शिव मंदिर के करीब संजय किराना सामान की दुकान चलाते हैं। उनके मकान में एक किराएदार रहते हैं, जो सुधा डेयरी में काम करते हैं। संजय की पत्नी अपने और किराएदार के बच्चों को लेकर घूमने के लिए सुधा डेयरी परिसर में चली गई। वहां सभी ने लस्सी और दही का स्वाद चखने के बाद बच्चे बाहर मैदान में खेल रहे थे। कैंपस में करीब चार फीट चौड़ा और 20 फीट गहरा एक टैंक बना हुआ है। प्लांट में दूध को रिफाइन करने के बाद निकलने वाला केमिकल और पानी उस टैंक में जमा होता है। टैंक में पानी पर गहरी परत (प्लास्टर) जमी हुई थी। उसी में विनीत ने छलांग लगा दी, जिससे वह डूब गया। उसकी मां और बहन के साथ डेयरी के कर्मचारी दौड़े, लेकिन उसे निकालने के लिए कैंपस में कोई संसाधन नहीं था। अंतत: अग्निशमन विभाग को सूचना दी गई, लेकिन उनके पास भी ऐसा कोई संसाधन नहीं था। तब एक बाहरी व्यक्ति ने जान जोखिम में डालकर विनीत को बाहर निकाला। अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दुर्घटना के बाद डेयरी परिसर में कोहराम मच गया। विनीत के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल: सुधा डेयरी में आम लोगों के प्रवेश पर रोक है। फिर बच्चों को लेकर महिलाएं वर्जित क्षेत्र में कैसे पहुंच गई? प्रवेश करने से पूर्व वहां तैनात सुरक्षा प्रहरी ने उन्हें क्यों नहीं रोका? साथ ही डेयरी प्रशासन द्वारा इतने बड़े टैंक को खुला क्यों छोड़ दिया गया? कहीं न कहीं डेयरी प्रशासन की लापरवाही है। यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा। जांच के बाद प्रबंधन पर होगी कार्रवाई: डीएसपी राज कुमार शाह ने बताया कि पीड़ित परिवार द्वारा अभी तक कोई लिखित आवेदन नहीं दिया गया है। फिलहाल यूडी केस दर्ज किया गया है। शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए परिवार तैयार नहीं थे। पंचनामा बनाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया। स्टेशन डायरी के आधार पर सुधा डेयरी कैंपस की जांच की जाएगी। पीड़ित परिवार का बयान लिया जाएगा। प्रबंधन की लापरवाही के कारण ही किशोर की मौत हुई है। कैंपस में लगे सीसी कैमूरे के फुटेज को खंगाला जाएगा। जांच के बाद कार्रवाई होगी। अभियंत्रण शाखा के कामकाज पर आपत्ति: सुधा डेयरी के प्रबंध निदेशक मिथिलेश कुमार कर्ण का कहना है कि स्वेच्छा से परिजन बच्चों को लेकर घूमने आए थे। फिसलने के कारण किशोर की मौत हुई है। इसमें प्रबंधन की कोई लापरवाही नहीं है। अभियंत्रण शाखा ने टैंक बनाने का काम पूरा नहीं किया था, लिहाजा अभियंता के खिलाफ कार्रवाई होगी। दोषी बख्शे नहीं जाएंगे: कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि वर्जित क्षेत्र में सुरक्षा गार्ड रहने के बाद बच्चे कैसे प्रवेश कर गए? यह गंभीर मामला है। इस मामले में प्रबंधन भी दोषी है। पूरे मामले की जांच करने का आदेश सुधा डेयरी के चेयरमैन को दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी पदाधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।