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एईएस के लक्षण वाले पांच और बच्चे भर्ती, एक की मौत

बारिश शुरू होते ही मगध क्षेत्र में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) ने दस्तक दे दी है। अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में चार दिनों में गया और औरंगाबाद जिले के 10 बच्चे भर्ती कराए गए हैं। बीमारी के लक्षण के आधार पर एईएस की संभावना जताई गई है। अब तक तीन बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 08:43 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 08:43 PM (IST)
एईएस के लक्षण वाले पांच और बच्चे भर्ती, एक की मौत
एईएस के लक्षण वाले पांच और बच्चे भर्ती, एक की मौत

गया । बारिश शुरू होते ही मगध क्षेत्र में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) ने दस्तक दे दी है।

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अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में चार दिनों में गया और औरंगाबाद जिले के 10 बच्चे भर्ती कराए गए हैं। बीमारी के लक्षण के आधार पर एईएस की संभावना जताई गई है। अब तक तीन बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।

गया के डुमरिया थाना क्षेत्र के अंवाबार के रहने वाले एक बच्चे की मौत गुरुवार की देर शाम हो गई। शुक्रवार को पांच और बच्चे भर्ती कराए गए हैं। उन्हें एईएस के लिए बनाए गए स्पेशल वार्ड में भर्ती कराया गया है। इनमें औरंगाबाद व गया जिले के बच्चे हैं।

वहीं, नए मरीजों में पहला गया जिले के आमस थाना क्षेत्र के महापुर विंदापुर के रहने वाले दीपू चौधरी का साढ़े तीन वर्षीय पुत्र अंश कुमार है। उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर किया गया है। उसकी मां ने बताया कि उसे खेलते-खेलते अचानक उलटी होने लगी। बुखार भी आ गया और घबराहट होने लगी। दूसरा बच्चा वजीरंगज थाना क्षेत्र के महुएत गांव के डेढ़ वर्षीय रूपमिनी को गुरुवार की शाम भर्ती कराया गया है। इसके भी वही लक्षण थे। उसे भी रेफर किया गया है। तीसरा बच्चा खिजरसराय के बतथर गांव निवासी मिथलेश यादव का 10 वर्षीय पुत्र बबलू है। उसे भी अचानक उल्टी, बुखार और कपकपी शुरू हो गई। उसे भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से मगध मेडिकल रेफर किया गया है। औरंगाबाद जिले के गोह निवासी दिलीप प्रसाद ने छह वर्षीय पुत्र गुड्डू को शुक्रवार की सुबह भर्ती कराया है। उसकी हालत गंभीर थी। गोह निवासी उमंत गिरी के पांच वर्षीय बच्चे मनी गिरी को भी उलटी और बुखार की शिकायत के बाद यहां रेफर किया गया है। मेडिकल अधीक्षक डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि इलाज के दौरान चार दिनों में तीन बच्चों की मौत हुई है। इनमें दो गया और एक औरगांबाद का था। सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। अभी रिपोर्ट नहीं आई है। फिलहाल आईसीयू वार्ड में नए मरीजों का इलाज चल रहा है।

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आईसीयू में शौचालय की नहीं है व्यवस्था

मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के आईसीयू वार्ड में शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण मरीज व परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को भी परेशानी होती है। अस्पताल प्रशासन द्वारा आईसीयू को एईएस का स्पेशल वार्ड भी बनाया गया है।

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