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अस्पतालों में जेनरेटर के नाम पर 2.33 करोड़ का घोटाला

अस्पतालों में बिजली रहने के बावजूद जेनरेटर चलाए जा रहे थे। स्वाभाविक है कि जेनरेटर में डीजल लगता है। इसमें पैसे भी खर्च होते हैं। सो 2.33 करोड़ की राशि इस नाम पर खर्च कर दी गई। इसकी जांच चल रही थी और मामला सत्य पाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 02:12 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 06:28 AM (IST)
अस्पतालों में जेनरेटर के नाम पर 2.33 करोड़ का घोटाला
अस्पतालों में जेनरेटर के नाम पर 2.33 करोड़ का घोटाला

नीरज कुमार, गया

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अस्पतालों में बिजली रहने के बावजूद जेनरेटर चलाए जा रहे थे। स्वाभाविक है कि जेनरेटर में डीजल लगता है। इसमें पैसे भी खर्च होते हैं। सो, 2.33 करोड़ की राशि इस नाम पर खर्च कर दी गई। इसकी जांच चल रही थी और मामला सत्य पाया गया है।

यह एक नया ही घोटाला है। अलग -अलग अस्पतालों में पिछले तीन वर्षों में जेनरेटर चलाने के नाम पर इतनी बड़ी रकम की निकासी की गई। हाईकोर्ट के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने त्रिस्तरीय जाच कमिटी गठित की थी, जिसमें मामला सत्य पाया गया।

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32 अस्पतालों की जांच

कमिटी ने जिले के कुल 41 में 32 अस्पतालों की जांच की, जहां से 2.33 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया है। जांच रिपोर्ट विभाग को भेज दी गई है। इसमें जेनरेटर मद में अधिक राशि भुगतान करने वाले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। इन अस्पतालों में वर्ष 2015 से 2018 के बीच बिजली रहने के बावजूद जेनरेटर की उपयोगिता दर्शाई गई।

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जांच के लिए गठित हुई थी कमिटी

यह मामला हाईकोर्ट में जाने के बाद निर्देश के आलोक में जांच की गई। स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर आयुक्त के सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमिटी गठित की गई थी। इसमें अपर समाहत्र्ता गया एवं साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के शहरी क्षेत्र के कार्यपालक अभियंता को रखा गया था। तीन सदस्यीय कमिटी ने 115 पेज की जांच रिपोर्ट तैयार की थी। इसे इस साल 26 जून को विभाग को भेजा गया है। जेनरेटर आउटसोर्सिग से चलाए जा रहे थे।

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सबसे ज्यादा भुगतान प्रभावती अस्पताल में

जांच रिपोर्ट में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में प्रभावती अस्पताल में 8340 घंटे जेनरेटर चलाया गया। इसके एवज में अस्पताल अधीक्षक ने 28 लाख 31 हजार 900 रुपये अधिक भुगतान किया। इसी परिसर में संचालित एसएनसीयू में भी जेनरेटर 5732 घंटे अधिक चला। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने 15 लाख 45 हजार 263 रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया।

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अस्पताल अतिरिक्त घंटे अधिक भुगतान

प्रभावती अस्पताल-8340-28.31 लाख

2. एसएनसीयू प्रभावती अस्पताल -5732-15.45 लाख

3. जयप्रकाश नारायण अस्पताल -5441-19.55 लाख

4. संक्रामक रोग अस्पताल -7653-5.48 लाख

5. जिला यक्ष्मा केंद्र गया -7281-8.37 लाख

6. पीएचसी बोधगया-3122-2.17 लाख

7.पीएचसी मोहनपुर-3099.45-4.66 लाख

8.पीएचसी बाराचट्टी-4751-7.12 लाख

9. पीएचसी गुरूआ- 881.25- 1.29 लाख

10.पीएचसी इमामगंज- 5017- 7.5 लाख

11.पीएचसी डोभी-1680.37-1.99 लाख

12. पीएचसी आमस- 739-1.09 लाख

13.पीएचसी डुमरिया- 3738.28- 5.60 लाख

14. पीएचसी बांकेबाजार-6539.49-9.80 लाख

15.अनुमंडलीय अस्पताल शेरघाटी- 4298.37-14.62 लाख

16.पीएचसी परैया- 612.25-68,788

17.अनुमंडलीय अस्पताल टिकारी- 4755.86-16.17 लाख

18.अति.पीएचसी चाकंद-7637.48-7.20 लाख

19. पीएचसी बेलागंज- 3646.6- 5.46 लाख

20. पीएचसी टिकारी- 3846.71- 5.77 लाख

21. पीएचसी कोंच- 5566.23- 7.96 लाख

22.पीएचसी नीमचक बथानी- 57.3-6814 रुपये

23.पीएचसी खिजरसराय-1924.93-2.87 लाख

24. सा.स्वा.केंद्र महकार- 355.37-32,717

25.पीएचसी टनकुप्पा- 5717- 8.59 लाख 27. अति.पीएचसी तरमा- 801-73632

26.पीएचसी मानपुर- 7035- 10.61 लाख

27.अति.पीएचसी गेहलौर- 2148- 1.58 लाख

28.पीएचसी फतेहपुर- 5373- 8.05 लाख

29.पीएचसी वजीरगंज-6615-9.89 लाख

30.पीएचसी अतरी- 3091.7- 4.64 लाख


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