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विष्णुपद में पूजा-अर्चना के बाद पढ़ सकेंगे दुर्लभ ग्रंथ

विष्णुपद परिसर में बुधवार को श्री विष्णुपद धर्मग्रंथालय (धर्मगूंज) का उद्घाटन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 12:03 AM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 08:17 AM (IST)
विष्णुपद में पूजा-अर्चना के बाद पढ़ सकेंगे दुर्लभ ग्रंथ
विष्णुपद में पूजा-अर्चना के बाद पढ़ सकेंगे दुर्लभ ग्रंथ

गया। विष्णुपद परिसर में बुधवार को श्री विष्णुपद धर्मग्रंथालय (धर्मगूंज) का उद्घाटन किया गया। लोग यहां वेदों के साथ कई दुर्लभ पुस्तकें पढ़ सकेंगे।

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इसका उद्घाटन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विष्णुपद प्रबंधकारिणी के अध्यक्ष कन्हैया लाल मिश्र और धर्माचार्य श्री रामाचार्य जी ने किया। इसके संस्थापक डॉ. नंदकिशोर गुप्त ने कहा कि विष्णुपद आने वाले श्रद्धालु अब यहां धर्मग्रंथ आसानी से पढ़ सकते हैं। साथ ही देश-विदेश से आने वाले पिंडदानी सनातन धर्म के बारे में ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। यह धर्मग्रंथालय शहर के लोगों और विष्णुपद प्रबंधकारिणी के सदस्यों के सहयोग से शुरू किया गया है। यहां एक हजार से अधिक धार्मिक पुस्तकें रखी हैं। श्रद्धालु पूजा-अर्चना के बाद धर्मग्रंथालय से पुस्तक लेकर पढ़ सकते हैं। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लगता है। उद्घाटन के मौके पर प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य महेश लाल गुपुत, शंभू लाल बिठल, गजाधार पाठक, समाजसेवी उषा डालमिया, डॉ. सचिदानंद प्रेमी, प्रो. केके नारायण, बृजनंदन पाठक, डॉ. महेश लाल गायब, मनोज मिश्रा आदि मौजूद थे।

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छह घंटे खुला रहेगा धर्मग्रंथालय

यह प्रत्येक दिन छह घंटे खुला रहेगा। इसकी अवधि सुबह 10 से 12 बजे दोपहर और संध्या 4.30 से 8.30 बजे तक की होगी। शाम में इसे अधिक देर तक खोला जाएगा, क्योंकि उस दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।

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चारों वेद, कई दुर्लभ पुस्तकें

यहां चारों वेदों के साथ एक हजार से भी अधिक पुस्तकें रखी गई हैं। कई दुर्लभ पुस्तकें भी हैं। गीता प्रबोधन, सुंदरकांडम, श्रीज्ञानेश्वरी, विनय पत्रिका, संस्कार प्रकाश, गयाक्षेत्र महिमा, महाभारत, श्रीरामचरितमानस, श्रीमद्भागवतगीता सुखसागर सहित कई धार्मिक पुस्तकें हैं। यहां और पुस्तकें लाई जाएंगी। इसके लिए संपर्क किया जा रहा है।


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