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भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहब फाल्के नहीं, रामचंद्र तोरणे थे: सहाय

संवाद सहयोगी, टिकारी : केंद्रीय विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा केंद्र, साहित्य और कला परिषद के संयुक्त

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 08:25 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 08:25 PM (IST)
भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहब
फाल्के नहीं, रामचंद्र तोरणे थे: सहाय
भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहब फाल्के नहीं, रामचंद्र तोरणे थे: सहाय

संवाद सहयोगी, टिकारी : केंद्रीय विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा केंद्र, साहित्य और कला परिषद के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को राष्ट्रकवि दिनकर जयंती के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय था साहित्य और सिनेमा का अंतर संबंध। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रकवि दिनकर के चित्र पर पुष्पाजलि अर्पित करते हुए मुख्य अतिथि हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार और हंस पत्रिका के संपादक संजय सहाय ने कहा कि साहित्य और सिनेमा का संबंध बहुत पुराना है। भारत में प्रचलित है कि भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहब फाल्के थे, जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि वस्तुत: हिंदी सिनेमा के जनक रामचंद्र तोरणे थे। उन्होंने पश्चिम के साहित्य और सिनेमा से शुरू करते हुए भारत में फिल्मों ने किस रूप में साहित्य का धरातल चुना है। इस विषय पर श्री सहाय ने व्यापक रूप से रेखाकित किया।

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उन्होंने कहा कि निर्देशकों को साहित्य विषयक फिल्मों को बनाते समय पठकथा की स्वतंत्रता होनी चाहिए। साहित्यकार अशोक कुमार ने कई ऐसे विषयों का उल्लेख किया जिसे भारतीय सिनेमा अपनी पठकथा का विषय नहीं बनाता है। सिनेमा को तकनीकी पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। दिनकर की महत्ता को रेखाकित करते हुए जहानाबाद कॉलेज के प्रो. डॉ. रविशकर शर्मा ने दिनकर के काव्य प्रेम और अध्यात्म के कई पक्षों का रेखाकन किया। दिनकर की कई रचनाओं का पाठ विद्यार्थियों ने किया। कार्यक्रम में राजनीति विभाग के डीन एवं विभागाध्यक्ष प्रो. एसएन सिंह, भारतीय भाषा केंद्र के डॉ. योगेश प्रताप शेखर, डॉ. अनुज लुगुन, अंग्रेजी विभाग के डॉ. सरोज कुमार, डॉ. सुरेश कुरापति, सामाजिक विज्ञान के हरेश नारायण पाडे, शिक्षा विभाग के डॉ. रवींद्र कुमार, डॉ. कफील अहमद नसीम, श्रीअर्जुन के अलावा छात्रों में सत्य प्रकाश, सिद्धार्थ, विशाल, चंदन तिवारी, प्रभात झा, आदि छात्र, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. कर्मानंद आर्य ने किया।


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