बेटी की शादी में नाचते हुए चला दी गोली, एक की मौत
गया। बुनियादगंज थाना क्षेत्र के पंडाविगहा गांव में शुक्रवार की रात बरात में फायरिंग के दौरान 25 व
गया। बुनियादगंज थाना क्षेत्र के पंडाविगहा गांव में शुक्रवार की रात बरात में फायरिंग के दौरान 25 वर्षीय एक युवक संतोष कुमारी की गोली लगने से मौत हो गई।
घटना के विरोध में ग्रामीणों ने मानपुर-खिजरसराय मार्ग को शव के साथ घंटों जाम रखा। प्रशासन ने किसी तरह समझाकर जाम हटवाया। पंडाबिगहा गांव में सत्यनंदन यादव की पुत्री की शादी थी। बरात वजीरगंज के धर्मपुर गांव से आई थी। गाजे-बाजे के साथ दरवाजा लगाया गया। जयमाल की रस्म भी अच्छे से हुई। खानपान के बाद शादी की तैयारी चल रही थी। आर्केस्ट्रा भी चल रहा था, जिसमें नर्तकी नाच रही थी। लोगों ने बताया कि लड़की का पिता स्टेज पर चढ़कर नशे में पिस्टल लहरा रहा था। इस दौरान हवाई फायरिंग भी की, लेकिन तीसरी गोली स्थानीय ग्रामीण संतोष को जा लगी। उसे आनन-फानन एक निजी क्लिनिक में ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद हंगामा मच गया। बराती दुल्हन को बगैर शादी रचाए अपने साथ लेते चले गए। बताया जाता है कि रास्ते में ही सिंदूर की रस्म अदा की गई। मृतक के परिजनों का आरोप है कि उनलोगों को सत्यानंदन यादव के साथ काफी दिनों से विवाद चल रहा था। यह हत्या एक साजिश के तहत की गई है। उग्र ग्रामीणों ने मानपुर-खिजरसराय मार्ग पर मठिया के समीप जाम कर यातायात ठप कर दिया, जिससे करीब पांच घंटे तक आवागमन प्रभावित रहा। प्रखंड विकास पदाधिकारी उषा कुमारी ने पीड़ित परिवार को पारिवारिक लाभ योजना के तहत तत्काल बीस हजार रुपये का चेक मुहैया कराया।
थानाध्यक्ष विजेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि बरात में नर्तकी का नाच हो रहा था। लड़की का पिता स्टेज पर पिस्टल लहरा रहा था, उससे गोली चलने के कारण संतोष की मौत हो गई। घटनास्थल से दो खोखा बरामद किया गया है। मृतक के पिता ने उसे अभियुक्त बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस सत्यानंदन के साले रामलाल को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
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आखिर कहां से आई शराब
पंडाबिगहा गांव में शादी समारोह में शराब कहां से आई, यह जांच का विषय है। शराबबंदी के बाद भी लोग नशे में कैसे थे। ग्रामीणों के बीच इसकी भी चर्चा थी। मानपुर के ही भदेजा गांव में गृहप्रवेश के दौरान नर्तकी के कार्यक्रम के दौरान पहले भी घटना हो चुकी है, जिसमें काफी हंगामा हुआ था। ईट-रोड़े चले थे, फसलें नष्ट कर दी गई थीं।
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गांव में छाया रहा मातमी सन्नाटा
संतोष की हत्या के बाद गांव में मातमी सन्नाटा पसरा था। शनिवार को कई घरों में चूल्हे नहीं जले। ग्रामीण कुछ भी कहने से कतरा रहे थे, जबकि गांव से पश्चिम दिशा की ओर कुछ ग्रामीण दबी जुबान में बोल रहे थे कि लड़की के पिता को इस तरह की हरकत नहीं करनी चाहिए थी। पुलिस को देखते ही लोगों ने चुप्पी साध ली।