रेनकट और चूहों से जर्जर हो चुके तटबंध
बेमौसम बरसात ने अभी से ही मानसून की याद ताजा कर दी है। बाढ़ से बचाव के लिए सुरक्षा कवच माने जाने वाले केसरे हिन्द बांध मरम्मत के अभाव में काफी पुराना व जर्जर हो गया है। करीब दस साल से उस बांध की मरम्मत नहीं हो पाई है।
मोतिहारी । बेमौसम बरसात ने अभी से ही मानसून की याद ताजा कर दी है। बाढ़ से बचाव के लिए सुरक्षा कवच माने जाने वाले केसरे हिन्द बांध मरम्मत के अभाव में काफी पुराना व जर्जर हो गया है। करीब दस साल से उस बांध की मरम्मत नहीं हो पाई है। जगह-जगह रेनकट तथा चूहों के बिल बनाने के कारण तटबंध काफी कमजोर हो गया है। जो पानी के दबाव से कभी भी टूट सकता है। लौकरिया पंचायत के सिरिसिया बिर्ता वार्ड नंबर तीन के तेलिया घाट, स्व. हनीफ मियां के घर के पास, वार्ड नंबर 4 छठिया घाट सुलिस गेट के पास व गदिया टोला के बीच बांध की स्थिति काफी जर्जर है। तटबंध की जर्जर स्थिति को देख लौकरिया, परसौंना तपसी ,पलनवा जगधर, अधकपरिया पंचायत के ग्रामीणों की धड़कनें अभी से ही तेज हैं। 2017 में केसरे हिन्द बांध टूटने से परसौना तपसी पंचायत के गाद बहुवरी व गदियानी बबुईया में हुई तबाही लोगों ने अपनी आंखों से देखी है। इस बाढ़ में उनका सब कुछ तबाह हो गया था। पक्के मकान बाढ़ की तेज धारा में बह गए थे। कई घर जमीनदोज होकर पोखर में तब्दील हो गए थे। खेती योग्य भूमि बालू से भर गई थी। डेढ़ दर्जन लोग घर से बेघर हो गए थे। जिसमें कई लोग ऐसे है जिनकी आशियाना आज तक नहीं बन पाया। उस समय टूटे बांध की मरम्मत कर प्रशासन ने तो अपनी जिम्मेवारी पूरी कर ली थी ,परन्तु जर्जर बांध की मरम्मती करना उचित नहीं समझा।
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वर्जन
लंबे समय से जर्जर केशरे हिन्द तटबंध की मरम्मत नहीं हुई है। कई बार अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया। बीडीओ को भी आवेदन दिए हैं। परन्तु अभी तक कोई सार्थक पहल नहीं हो हो पाई।
अनिल कुमार सिंह, मुखिया, लौकरिया पंचायत
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वर्जन
कई बार जर्जर केशरे हिन्द बांध के मुद्दे को उठाई हूं। मनरेगा पीओ से भी बात हुई। तो वो बोले तटबंध डैमेज है, विभाग से लिखवाकर एनओसी दीजिये, तब मनरेगा द्वारा कार्य कराया जाएगा। जेई को भी आवेदन दिया गया है।
मीरा देवी, मुखिया, परसौंना तपसी पंचायत
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वर्जन
सर्वे कार्य कराया जा रहा है। जिला पदाधिकारी के निर्देश पर टीम गठित हुई है। जहां -जहां बांध जर्जर है या कोई अन्य समस्या है इसपर जांच प्रतिवेदन भेजा जाएगा। ताकि बाढ़ से पूर्व आवश्यक कार्य किया जा सके।
कुमार प्रशांत
प्रखंड विकास पदाधिकारी, रक्सौल