ग्राम स्वराज था महात्मा गांधी का सपना : जार्ज मैथ्यू
इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज नई दिल्ली के अध्यक्ष जार्ज मैथ्यू ने कहा कि ग्राम स्वराज गांधीजी का सपना था। गांवों के सशक्तिकरण पर उनका जोर था। उस सपने को साकार करना समय की मांग है।
मोतिहारी । इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज नई दिल्ली के अध्यक्ष जार्ज मैथ्यू ने कहा कि ग्राम स्वराज गांधीजी का सपना था। गांवों के सशक्तिकरण पर उनका जोर था। उस सपने को साकार करना समय की मांग है। मुझे खुशी है कि इससे जुड़े कार्यक्रम का आगाज चंपारण (मोतिहारी) से हो रहा है। गांधी और ग्राम स्वराज विषयक इस सम्मेलन के लिए देश में बापू से जुड़े छह स्थलों का चयन किया गया है। इनमें मोतिहारी भी शामिल है। अन्य स्थलों में रांची, कोलकाता, वर्धा, मदुरै एवं गुजरात विद्यापीठ शामिल है। श्री मैथ्यू शनिवार को मोतिहारी के गांधी संग्रहालय में आयोजित तैयारी समिति की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि इस अभियान का आगाज भी चंपारण से ही हो रहा है। इस सम्मेलन में देश-विदेश के सैकड़ों गांधीवादी एवं विचारक शामिल होंगे। इस अवसर पर मैनचेस्टर स्थित समाजशास्त्र से जुड़े अंतरराष्ट्रीय संस्था के चेयर पर्सन एवं भारत सरकार के विभिन्न संस्थानों से जुड़े विद्वान प्रो. (डॉ.) एस नारायण ने कहा कि यह आयोजन ऐतिहासिक होगा। इसमें यूरोप, यूएसए, यूएई, भूटान, नेपाल सहित देश के कई हिस्सों से आए गांधीवादी भाग लेंगे। सम्मेलन में गांधीजी पर किए गए विभिन्न शोध पत्रों को भी रखा जाएगा। डाक्यूमेंट्री फिल्म का भी प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज देश ही नहीं विदेशों में भी गांधीजी के विचारों को प्रासंगिक माना जा रहा है। श्री नारायण ने मोतिहारी के महत्व को देखते हुए यहां एयरपोर्ट की आवश्यकता बताई। कहा कि मुझे खुशी है कि मैं उस टेबल को स्पर्श कर रहा हूं जिस पर गांधी जी ने भी काम किया था। उनसे जुड़ी स्मृतियों व अवशेषों को सहेजने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में सर्वसम्मति से तय हुआ कि आगामी 22 एवं 23 नवंबर को दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। अन्य वक्ताओं ने भी इस मुद्दे पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए। बैठक की अध्यक्षता बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह गांधी संग्रहालय के सचिव ब्रजकिशोर सिंह एवं संचालन जाने-माने रंगकर्मी प्रसाद रत्नेश्वर ने किया। मौके पर राष्ट्रीय पंचायत परिषद के राज्य अध्यक्ष विदेश्वरी प्रसाद सिंह, गांधीवादी सह लेखक सुरेंद्र कुमार, रेडक्रॉस के अध्यक्ष श्रीप्रकाश चौधरी, केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि डॉ. पवनेश एवं डॉ. गिरीश मिश्रा, प्रो. रामनिरंजन पांडेय, सुबोध कुमार, राय सुंदरदेव शर्मा, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह, जदयू नेता अमरेंद्र सिंह, बापूधाम मोतिहारी के रेलवे स्टेशन मास्टर दिलीप कुमार सिंह, चकिया के पूर्व प्रमुख सीताराम प्रसाद यादव, विजय जैकब, अशोक वर्मा, गुलरेज शहजाद, धनुषधारी कुशवाहा आदि उपस्थित थे। -