स्कंदपुराण के अनुसार सर्वश्रेष्ठ है वैशाख मास
मोतिहारी। वैशाख का महीना बड़ा पवित्र माना जाता है एवं इसमें वासुदेव भगवान अर्थात विष्णु भगवान की पूजा को विशेष फलदायी माना जाता है।
मोतिहारी। वैशाख का महीना बड़ा पवित्र माना जाता है एवं इसमें वासुदेव भगवान अर्थात विष्णु भगवान की पूजा को विशेष फलदायी माना जाता है। इस महीने भर अपने-अपने घरों में हीं नियम व संयम का पालन करते हुए विशेषकर शिवलिग पर परंपरागत तरीके से जलाभिषेक करना व महामृत्युंजय मंत्र का जप करना शुभ फलदायी होगा। यह विषाणु जन्य महामारी को नष्ट करने में भी सहायक सिद्ध साबित होगा। उक्त बातें आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पांडेय ने कही। श्री पांडेय ने बताया कि ॐ नमो भगवते वासुदेवाय व हरिनाम कीर्तन करने से मनुष्यों के तेज में वृद्धि के साथ बुद्धि परिष्कृत होगी। स्कंदपुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने वैशाख को सब महीनों में उत्तम कहा है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस माह में सूर्योदय से पहले जो व्यक्ति स्नान करता है वह भगवान विष्णु का कृपापात्र होता है। वैशाख माह के देवता भगवान मधुसूदन अर्थात विष्णु हैं। स्कंदपुराण के अनुसार महीरथ नामक राजा ने केवल वैशाख स्नान से ही वैकुंठधाम प्राप्त किया था। वैशाख स्नान चैत्र शुक्ल पूर्णिमा से वैशाख शुक्ल पूर्णिमा तक चलता है। उन्होंने बताया कि प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व स्नान के उपरांत सूर्यार्घ्य देने का विधान है। इसमें प्यासे लोगों को पानी पिलाना, पंखा, खरबूजा, बेल व अन्य ऋतुफल, नया अन्न आदि का दान करना अत्यंत पुण्य फलदायक माना जाता है। वैशाख माह में सरसों का तेल लगाना, दिन में सोना, कांस्यपात्र में भोजन करना, निषिद्ध पदार्थ खाना आदि वर्जित माना गया है। वैशाख स्नान का पुण्य-पवित्र महीना नौ अप्रैल गुरुवार से प्रारंभ हो रहा है जिसका समापन स्नान-दान सहित वैशाख पूर्णिमा के दिन अर्थात सात मई गुरुवार को होगा।