देश में संस्कार के साथ शिक्षा की परंपरा
मोतिहारी। सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रो. रामनिरंजन पांडेय ने कहा कि हमारे देश में संस्कार के साथ शिक्षा की परंपरा रही है। मगर अब उस परंपरा में विकृति आ गई हैं।
मोतिहारी। सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रो. रामनिरंजन पांडेय ने कहा कि हमारे देश में संस्कार के साथ शिक्षा की परंपरा रही है। मगर अब उस परंपरा में विकृति आ गई हैं। उसका परिणाम भी सामने है। हमारे देश में मातृभूमि, राष्ट्र, माता, पिता, अतिथि एवं गुरु को देव तृल्य समझा जाता है। मगर शिक्षा पद्धति में बदलाव से अवधारणाएं भी बदल रही हैं। यह हमारे समाज के लिए ठीक नहीं है। वे रविवार को जिला स्कूल के सभागार में भारत विकास परिषद द्वारा राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता को लेकर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम का उद्घाटन भारत माता की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसे बाद डीएवी पब्लिक स्कूल की संगीत शिक्षिका अर्पणा रतन द्वारा वंदे मातरम्.. प्रस्तुत किया गया। संबोधन के क्रम में समाजसेवी राय सुंदरदेव शर्मा ने कहा कि भारत में शिक्षा के साथ संस्कार की अवधारणा रही है। जब धर्म एवं आध्यात्म के आधार पर शिक्षा दी जाती थी तब भारत विश्व गुरु था और इसे सोने की चिड़िया का नाम दिया गया था। मगर शिक्षा पद्धति में बदलाव ने सामाजिक व्यवस्था एवं संरचना पर प्रतिकूल असर डाला है। कार्यक्रम में उपस्थित भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय मंत्री मिथिलेश कुमार वर्मा ने कहा कि यह संस्था मातृभूमि की सेवा के लिए समर्पित है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय है। भारत में कुल 15 सौ शाखाओं के माध्यम से एक लाख परिवार इससे जुड़े हैं। संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा एवं समर्पण को अपना सूत्र मानकर यह संगठन जनहित के कार्यों में सक्रिय है। दिव्यागों की सहायता से लेकर स्वास्थ्य एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। संगठन को कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। वर्ष 1967 से राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। भारत विकास परिषद शाखा सत्यम मोतिहारी के तत्वावधान में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में सीएस डीएवी पब्लिक स्कूल, जिला स्कूल मोतिहारी, वेद विद्यालय मोतिहारी, द स्टडी पार्क स्कूल मोतिहारी आदि स्कूल के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। भारत विकास परिषद द्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय चेतना के स्वर नामक पुस्तक में मुद्रित हिदी व संस्कृत देश भक्ति गीतों के साथ लोकगीतों की भी प्रस्तुति दी गई। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली टीम आगामी 20 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर में उत्तर बिहार प्रांत के तत्वावधान में आयोजित समूह गान प्रतियोगिता में हिस्सा लेगी। तीसरा आयोजन क्षेत्रीय एवं अंतिम प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर पर जूनागढ़ में होगा। मौके पर जिला स्कूल के प्राचार्य शैलेंद्र कुमार ठाकुर, परिषद की अध्यक्ष उषा श्रीवास्तव, अशोक कुमार ठाकुर, मदन कुमार सिंह, अजय कुमार गुप्ता, सुमन कुमार, प्रतिमा वर्मा, आलोक कुमार, अरूण प्रकाश उपाध्याय आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मुक्तिनाथ शर्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन सहदेव कुमार वर्मा ने किया।