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मोतिहारी में कस्तूरबा गांधी विश्वविद्यालय की स्थापना की कवायद शुरू

मोतिहारी में कस्तूरबा विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए शनिवार को दिल्ली में एक बैठक हुई। जंगपुरा एक्सटेंशन के रेडिएंट भवन में संपन्न इस बैठक की अध्यक्षता एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के पूर्व निदेशक एवं जाने-माने समाजशास्त्री प्रो.(डॉ.) एस नारायण ने की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 10:58 PM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 10:58 PM (IST)
मोतिहारी में कस्तूरबा गांधी विश्वविद्यालय की स्थापना की कवायद शुरू
मोतिहारी में कस्तूरबा गांधी विश्वविद्यालय की स्थापना की कवायद शुरू

मोतिहारी । मोतिहारी में कस्तूरबा विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए शनिवार को दिल्ली में एक बैठक हुई। जंगपुरा एक्सटेंशन के रेडिएंट भवन में संपन्न इस बैठक की अध्यक्षता एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के पूर्व निदेशक एवं जाने-माने समाजशास्त्री प्रो.(डॉ.) एस नारायण ने की।

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बैठक का संचालक प्रसाद रत्नेश्वर ने की। बताया कि पटना विश्वविद्यालय के दो बार कुलपति रहे डॉ. वाईसी सिम्हाद्री, जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली की डीन डॉ. हिना, खजुराहो से आए मध्यप्रदेश के उद्योगपति अजय प्रताप सिंह, टेलीविजन इंडिया के डायरेक्टर द्वय तनवीर हसन एवं सुहैल खान, मैनेजमेंट गुरु सुधाकर शरण, डाल्टनगंज के शिक्षाविद एवं जेपी सेनानी पंकज श्रीवास्तव, सेना के अवकाश प्राप्त अधिकारी बलिया के संजय कुमार सिंह, भारत सरकार के अधिवक्ता नीरज कुमार, वरिष्ठ पत्रकार सतीश कुमार मिश्र, सूचना अधिकार विशेषज्ञ मनीष कुमार शेखर, इंजीनियर कुंदन कुमार मधुकर, दिल्ली बिहार महोत्सव समिति के संयोजक राकेश वर्मा, डॉ. राजीव कुमार, रंजीत कुमार तिवारी आदि ने बैठक में भाग लेकर अपने-अपने विचार रखे। सभी ने मोतिहारी में इस विश्वविद्यालय की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में प्रस्ताव रखते हुए प्रसाद रत्नेश्वर ने कहा कि कस्तूरबा गांधी के नाम पर उच्च संस्था स्थापित कर हम अपनी श्रद्धा प्रकट करना चाहते हैं, इसलिए कि उन्होंने चंपारण की महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐतिहासिक योगदान दिया था। दूसरे, हमलोग कृषि और पर्यावरण पर आधारित नवोन्मेषी युक्तिपूर्ण विश्वस्तरीय शिक्षा देना चाहते हैं। साथ ही सामाजिक दायित्व के तहत किसानों के जीवन स्थिति में सुधार लाएंगे। डॉ. सिम्हाद्री ने कहा कि कस्तूरबा विश्वविद्यालय का संचालन बिहार निजी विश्वविद्यालय अधिनियम के अंतर्गत होगा। अध्यक्ष डॉ. नारायण ने कहा कि विश्वविद्यालय में गांधी एंड हैप्पीनेस और गांधी एंड कॉन्फि्लक्ट मैनेजमेंट की भी पढ़ाई होगी। इस विवि को ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालय से जोड़ा जाएगा। गांधी के विचारों से लैस पांच हजार ऐसे युवा तैयार करेंगे, जो देश को मजबूत बनाने का काम करेंगे।


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