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प्रशासन ने मनभरी कुंवर धर्मशाला को बलपूर्वक कराया खाली

मोतिहारी । डीएम व एसपी के निर्देश पर गुरुवार को शहर के ज्ञानबाबू चौक के पास स्थित मनभरी

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 10:47 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 10:47 PM (IST)
प्रशासन ने मनभरी कुंवर धर्मशाला को बलपूर्वक कराया खाली
प्रशासन ने मनभरी कुंवर धर्मशाला को बलपूर्वक कराया खाली

मोतिहारी । डीएम व एसपी के निर्देश पर गुरुवार को शहर के ज्ञानबाबू चौक के पास स्थित मनभरी कुंवंर धर्मशाला को प्रशासन ने बलपूर्वक खाली करा दिया। प्रशासन धर्मशाला को खाली कराने के बाद उसके मुख्य द्वार पर ताला लगाकर उसे सील कर दिया। उस धर्मशाला को कुछ लोग अपना निजी बताते हुए उसमें परिवार को रखा था। इसकी सूचना जब मारवाड़ी समाज के लोगों को हुई तो उनलोगों ने इसकी शिकायत डीजीपी से लेकर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक तक को दी। इस आलोक में दोनों अधिकारियों के निर्देश पर अंचलाधिकारी विरेन्द्र कुमार व पुलिस निरीक्षक अभय कुमारने पुलिस लाइन से भारी संख्या में महिला व पुरूष बल की मौजूदगी में धर्मशाला को खाली कराया। लोगों का कहना था है कि यह सामूहिक धर्मशाला है। यहां पर आसपास के लोगों का मांगलिक कार्यक्रम होता रहा है। साथ ही विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक, साहित्यिक व राजनीतिक आयोजन भी होते रहा है। यह धर्मशाला 55 वर्ष से कार्यरत है। इस धर्मशाला में अभी ध्रुप कुमार, सूरज कुमार, प्रमोद कुमार व रौनक कुमार का परिवार रहता था। उसे हटाकर उसमें ताला लगा दिया गया है। इस मामले में धर्मशाला के संयोजक दीपक अग्रवाल ने सभी वरीय अधिकारियों को भेजी गई शिकायत में कहा था कि यह आठ कट्ठा में फैली धर्मशाला है। मारवाड़ी समाज की एक विधवा महिला का दत्तक पुत्र और सुतापट्टी मुजफ्फरपुर निवासी नवल किशोर सुरेका द्वारा उसका निर्माण कराया गया था। इस धर्मशाला में चुनाव व आपदा के समय में सेना के जवान भी रहते थे। नवल किशोर सुरेका के मरणोपरांत किसी व्यक्ति ने खुद को उनका दत्तक पुत्र बताकर फर्जी कागाजात बनाकर चार लोगों से धर्मशाला की जमीन व संपति बेच दी। इस मामले में राज्य सरकार के कला संस्कृति व युवा विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था और कब्जा हटाने की मांग की थी। मौके पर बंजरिया थानाघ्यक्ष प्रमोद पासवान, नाका एक दो व तीन के प्रभारी के अलावा भारी संख्या में पुलिस के जवान मुस्तैद थे । वर्जन अतिक्रमणकारियो द्वारा धर्मशाला पर जबरन कब्जा कर लिया गया था। वे उस जमीन को अपनी बता रहे थे। इसी आधार पर वे अपने परिवार को भी रखे हुए थे। अगर उन्होंने वैध तरीके से रजिस्ट्री कराई है तो वे सक्षम न्यायालय में इसे सिद्ध कर सकते हैं। फिर जैसा आदेश होगा कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, धर्मशाला को पूरी तरह खाली करा दिया गया है।

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वीरेन्द्र कुमार अंचलाधिकारी मोतिहारी सदर


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