परलोक सिधार गए स्वामी अरविद जी महाराज
मोतिहारी। अध्यात्म की जाग्रत चेतना के आग्नेय संवाहक संत शिरोमणि स्वामी अरविद जी महाराज अब इस
मोतिहारी। अध्यात्म की जाग्रत चेतना के आग्नेय संवाहक संत शिरोमणि स्वामी अरविद जी महाराज अब इस दुनिया में नहीं रहे। शुक्रवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। वे पहाड़पुर के गंगा पिपरा गांव के निवासी थे। वे चंपारण रत्न से सम्मानित थे। उनके परलोक सिधार जाने से पूरे इलाके में शोक की लहर देखी जा रही है। उनके अनुयायी न सिर्फ चंपारण, बल्कि देश-विदेश में भी फैले हुए हैं। उनके निधन पर सुप्रसिद्ध गायिका वंदना शुक्ला ने शोक व्यक्त करते हुए कि कि स्वामी जी साहित्य और अध्यात्म दोनों क्षेत्रों में अव्वल थे। वे प्रकृति प्रेमी भी थे। उनके अंदर लोकहित व नैतिक भाव की काफी व्यापकता थी। वे कहते थे यह सारी सृष्टि संगीतमय है। बच्चे के जन्म से ही उसके जीवन में संगीत की एक अहम भूमिका होती है, जो मां की लोरी के रुप में मनुष्य के कानों में सबसे पहले पहुंचती है। वहीं अरेराज के निवासी व भाजपा के जिला महामंत्री विवेकानंद पाण्डेय, वरीय नेता बसंत कुमार मिश्रा ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके संदेश व विचार लाखों अनुयायियों के बीच याद बनकर सत्य का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा।