स्टेशन के आसपास की दुकानें भी हो रही है क्लिंकर से प्रभावित
भारत-नेपाल सीमा पर स्थित ए ग्रेड दर्जा प्राप्त रक्सौल रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले देशी-विदेशी पर्यटक उतरते ही क्लिंकर को देख शहर की भौगोलिक स्थिति की कल्पना कर लेते है।
मोतिहारी। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित ए ग्रेड दर्जा प्राप्त रक्सौल रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले देशी-विदेशी पर्यटक उतरते ही क्लिंकर को देख शहर की भौगोलिक स्थिति की कल्पना कर लेते है। स्टेशन परिसर एवं आसपास के वायुमंडल में उड़ते क्लिंकर की धूलकण को देख शहर में स्वच्छता का पता लगा लेते है। जिसके कारण वैसे लोग बहुत जल्द भारतीय शहरों से दूर जाकर पड़ोसी देश नेपाल के वीरगंज को अपना ठिकाना बना लेते है। इतना ही नहीं स्टेशन परिक्षेत्र में स्थित होटल, चाय, नाश्ता आदि की दुकानें भी प्रभावित हो गई है। क्लिंकर का धूलकण जब सांस के माध्यम से शरीर के अंदर जाता है। कई तरह की बीमारियों को उत्पन्न कर देता है। शहर को ¨क्लकर मुक्त बनाने के लिए स्थानीय समाजसेवी व बुद्धजीवियों के द्वारा नुक्कड़ सभा का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिससे की आगामी 25 दिसंबर को आयोजित होने वाले अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन में लोग शामिल होकर सरकार के तरफ ध्यान आकृष्ट करा सके। इसको लेकर रविवार को स्टेशन चौर पर नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया। इसके द्वारा लोगों को यह बताया जा रहा है कि यह कोई व्यक्तिगत समस्या नहीं है। यह जन समुदाय की समस्या बन चुकी है।
उक्त समस्या को लेकर दैनिक जागरण पिछले आठ साल से लगातार प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया है। इधर स्थानीय सामाजिक संगठन, भाजपा समर्थित सीमा जागरण मंच, ग्राम स्वराज मंच, स्वच्छ रक्सौल, ग्राम विकास मंच आदि संगठन के महेश अग्रवाल, रमेश ¨सह, भरत प्रसाद गुप्ता, जगदीश प्रसाद, रंजीत ¨सह, ई.रामदास प्रसाद, मुस्तजाब आलम आदि लोगों ने धूलकण प्रदूषण से शहर को निजात दिलाने और अवैध भंडारण को रोकने के लिए मोहल्ला में नुक्कड़ सभा के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू किया है। दस दिनों के अंदर समस्या का समाधान नहीं होने पर 25 दिसंबर से दिल्ली-काठमांडू मार्ग मर अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की चेतावनी दिया है।