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सेंट्रल बैंक से 1.64 करोड़ निकासी मामले की ईडी से जांच को लिखा

मोतिहारी। जिले के पताही प्रखंड के दलपत विशुनपुर स्थित सेंट्रल बैंक से खाताधारियों के 1.64 क

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Dec 2020 12:43 AM (IST)Updated: Thu, 24 Dec 2020 12:43 AM (IST)
सेंट्रल बैंक से 1.64 करोड़ निकासी  मामले की ईडी से जांच को लिखा
सेंट्रल बैंक से 1.64 करोड़ निकासी मामले की ईडी से जांच को लिखा

मोतिहारी। जिले के पताही प्रखंड के दलपत विशुनपुर स्थित सेंट्रल बैंक से खाताधारियों के 1.64 करोड़ की राशि के गबन मामले में क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल अग्नहोत्री ने कार्रवाई की है। क्षेत्रीय प्रबंधक ने इस मामले में सहायक प्रबंधक उत्पल आनंद को दोषी बताते हुए मामले की जांच के लिए आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग को आवश्यक कार्रवाई के लिए लिखा है। बता दें कि जीविका के बैंक खाता से इस शाखा से 47 लाख रुपये की निकासी के बाद मामला सामने आया था। जीविका की महिलाएं जब बैंक से राशि की निकासी के लिए गई तो उन्हें पता चला कि उनके खाता से राशि की निकासी एक महीने पहले कर ली गई है। सहायक प्रबंधक ने जीविका के अलावा अन्य बैंक के खाताधारकों के खाते से अपने स्टेट बैंक के खाता में राशि को ट्रांसफर कर राशि की निकासी कर फरार हो गए। जब मामला सामने आया तो बैंक प्रबंधन की नींद खुली और इसकी जांच प्रारंभ की। क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा कि जांच में कई बातें सामने आई है, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में सहायक प्रबंधक के अलावा इस राशि को पास करने वाले के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा गया है। वहीं दूसरी तरफ खाताधारकों की राशि वापस मिल जाए इस दिशा में भी कार्रवाई की जा रही है। जीविका समेत अन्य खाताधारकों को अब तक नहीं मिली राशि बैंककर्मी ने जीविका समूह द्वारा एक-एक रुपये जोड़कर जमा किए गए राशि के गबन कर फरार होने के बाद उनके समक्ष खुद के लुटने का दर्द सता रहा है। जीविका समूह के खाता से 47 लाख के अलावा उनके ऋण खाता से 11.65 लाख रुपये की भी निकासी की बात सामने आई है। जीविका समूह की महिलाएं कभी बैंक में तो कभी क्षेत्रीय प्रबंधक के पास दौड़ लगा रही हैं। उन्हें आश्वासन तो मिल रहा है, पर अब तक उन्हें राशि नहीं मिली है। जीविका राज्य सरकार के निर्देश पर गठित एक सशक्त महिलाओं का समूह माना जाता है। हर प्रकार की गतिविधियों में इनकी भूमिका सक्रिय रही है। इस स्थिति में उनकी राशि की वापसी नहीं होने की स्थिति में उनका मनोबल तो गिरेगा ही बैंक व जिला प्रशासन पर से भी उनका भरोसा उठ जाएगा। जीविका के जिला प्रबंधक वरुण कुमार ने कहा कि क्षेत्रीय प्रबंधक ने जीविका दीदी को राशि की वापसी के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया है। एक सप्ताह सोमवार को पूरा हो रहा है। राशि भुगतान नहीं होने की स्थिति में फिर से क्षेत्रीय प्रबंधक व अन्य अधिकारियों से मांग की जाएगी। इनसेट

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इतना बड़ा फर्जीवाड़ा के बाद भी अधिकारियों की कार्रवाई नाकाफी

जीविका समेत अन्य खाताधारियों से इतनी बड़ी निकासी के बाद भी इस मामले में अधिकारी मौन हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान दो व तीन नवंबर को बैंक के सहायक प्रबंधक ने राशि की निकासी की थी। चुनाव कराने के बाद वह फरार हो गया। एक माह के बाद जब मामला सामने आया तो हड़कंप मच गया। इस स्थिति में जिला प्रशासन की तरफ से प्रतिनियुक्त बैंकिग अधिकारी की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। जब इस संबंध में यह जानने की कोशिश की गई की आखिर पाई-पाई जोड़कर राशि जमा कराने वाली जीविका की महिलाओं की राशि की वापसी की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई की गई है या नहीं। बैंकिग अधिकारी मेधा कश्यप ने बताया कि इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। जीविका के अलावा अन्य किस-किस खाता से राशि की निकासी हुई है इसकी रिपोर्ट गुरुवार तक आ जाएगी। राशि वापस कराने की दिशा में कार्रवाई की जाएगी। 29 दिसंबर को होने वाली डीएलसीसी की बैठक में भी इस मामले को सामने लाया जाएगा। वर्जन :

सेंट्रल बैंक से सहायक प्रबंधक उत्पल आनंद व इस राशि को पास करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग को लिखा गया है। अब तक की जांच में 1.64 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की बात सामने आई है। जिन खाताधारकों के खाते से निकासी हुई उनकी राशि वापस कराने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है।

अनिल अग्नहोत्री, क्षेत्रीय प्रबंधक, सेट्रल बैंक मोतिहारी

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