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पूर्वी चंपारण के कई नए इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी, आठ की डूबने से मौत

जिले की नदियों के जलस्तर में वृद्धि के साथ पूर्वी चंपारण में बाढ़ का कहर जारी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 10:37 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 06:35 AM (IST)
पूर्वी चंपारण के कई नए इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी, आठ की डूबने से मौत
पूर्वी चंपारण के कई नए इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी, आठ की डूबने से मौत

मोतिहारी। जिले की नदियों के जलस्तर में वृद्धि के साथ पूर्वी चंपारण में बाढ़ का कहर जारी है। कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से प्रवेश कर रहा है। ढाका व पताही की कई पंचायतों का सड़क संपर्क भंग हो गया है। बाढ़ के पानी में डूबने से आठ की मौत हो गई है। आदापुर के दरपा थाना क्षेत्र के गम्हरिया कला पंचायत के चूड़ीहरवा टोला में रविवार की सुबह पानी की तेज धारा में पड़ने से दो नाबालिग बच्चे बह गए। जिसमें एक को बचा लिया गया, जबकि दूसरे की मौत हो गई। डूबा युवक चूडिहरवा टोला निवासी रोजदीन मियां का 15 वर्षीय पुत्र समीर आलम बताया गया है। जबकि यहीं पर डूब रहे नीतेश को बचा लिया गया। चिरैया के शिकारगंज थाना के अंबरिया में डूबने से उमेश प्रसाद यादव की पुत्री सनधन कुमारी की मौत हो गई। मुफस्सिल के मधुबनी घाट में हरी सहनी की डूबने से मौत हो गई। कल्याणपुर थाना के सिसवा खरार गांव में नेहा कुमारी व गूंजा कुमारी की मौत हो गई। पलनवा थाना के पोखरिया गांव में डूबने से प्रियांशु कुमारी की मौत हो गई। हरसिद्धि थाना के सेवराहां गांव में राहुल कुमार, तेतरिया के मोहम्मदपुर सागर गांव में गोलू कुमार की मौत डूबने से हुई है। बाढ़ का पानी रामगढ़वा, आदापुर, सुगौली समेत कई नए इलाकों में फैलने लगा है। ढाका-मोतिहारी पथ मुख्य पथ में राघोपुर एवं परतापुर के बीच सैकड़ों मीटर मे तीन से चार फीट पानी का बहाव हो रहा है। तेज गति से पानी के बहाव के कारण सड़क का कटाव जारी है। रामगढ़वा नरीरगिर जाने वाली सड़क पर चैनपुर के समीप करीब 4 से 5 फीट पानी बह रहा है। आदापुर प्रखंड के भवानीपुर गांव व गम्हरिया कला पंचायत में बाढ़ के पानी फैलने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। सुगौली-रघुनाथपुर रोड में आवागमन ठप हो गया है। बागमती व लालबेकया अभी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंडक व बूढ़ी गंडक अभी खतरे के निशान से नीचे है, पर जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। वाल्मीकिनगर बराज से 92 हजार 900 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। नदियों के जलस्तर में तेजी से हो रहे वृद्धि को देखते हुए सभी तटबंधों की सुरक्षा व बचाव कार्य तेज कर दिया गया है।

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