रीगा में रेलवे ट्रैक पर मिले पर्चा को ले आरपीएफ व रेल पुलिस सतर्क
रक्सौल-सीतामढ़ी रेलखंड के रीगा में रेलवे ट्रैक पर मिले पर्चा को ले शुक्रवार को आरपीएफ व रेल पुलिस सतर्क रही।
मोतिहारी । रक्सौल-सीतामढ़ी रेलखंड के रीगा में रेलवे ट्रैक पर मिले पर्चा को ले शुक्रवार को आरपीएफ व रेल पुलिस सतर्क रही। जिसमें सीतामढ़ी स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। इसको लेकर रक्सौल स्टेशन पर अत्याधुनिक उपकरणों से जांच चलती रही। हालांकि अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं। इस अभियान को अधिकारी 26 जनवरी को लेकर जांच की बात कह रहे हैं। सूत्रों की मानें तो जांच अभियान रीगा मामले को लेकर किया जा रहा था। अत्याधुनिक संसाधनों से आरपीएफ व रेल पुलिस संयुक्त रूप से जांच करती रही। यात्रियों के सामान की जांच व स्टेशन आने-जाने वाले लोगों पर पैनी नजर रखी जा रही थी। स्टेशन पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी की जा रही है। असमाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए कुछ अधिकारी व जवानों को सादे लिबास में तैनाती की गई है। ट्रेनों में स्कॉट बढ़ा दिया गया है। जिसे रेल डिब्बों में बने शौचालयों के साथ यात्रियों के सामानों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। सीसीटीवी कैमरे की मॉनीट¨रग रूम में असामाजिक तत्वों को चिन्हित करने को कहा गया है। बता दें कि लगभग छह वर्ष पूर्व रक्सौल स्टेशन को आतंकियों द्वारा उड़ाने की धमकी दी जा चुकी है। जांच के संबंध में आरपीएफ इंस्पेक्टर राजकुमार व रेल थानाध्यक्ष अनिल कुमार ¨सह ने रीगा मामले में कुछ भी बताने से परहेज किया है। अधिकारियों ने बताया कि जांच 26 जनवरी को लेकर किया गया है। रीगा की घटना के संबंध में बताया कि यह मेरे कार्यक्षेत्र से बाहर है। वहीं बताया कि भारत-नेपाल की सीमा खुली होने के कारण यह स्टेशन हमेशा संवेदनशील है। खुली सीमा का फायदा देश-विरोधी ताकते उठा सकती है। इसको लेकर हमलोग हमेशा अलर्ट रहते है। बता दें कि करीब दो वर्ष पूर्व रक्सौल-सीतामढ़ी रेलखंड के नकरदेई-आदापुर स्टेशन के बीच कड़िया नदी के पास आतंकियों ने बम विस्फोट किया था। वहीं घोड़ासहन स्टेशन के समीप आउटर सिग्नल के पास से सुरक्षा एजेंसियों ने कुकर बम बरामद किया था। इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। वहीं बम विस्फोट कराने में विफल दो युवकों को अपराधियों ने नेपाल में ले जाकर हत्या कर दिया था।