देश को एकता के सूत्र में बांधता है रामचरितमानस
मोतिहारी। पुरानी बाजार स्थित महावीरी अखाड़ा में बिहार जागृति संकल्प के तत्वावधान में आयोजित श्रीराम
मोतिहारी। पुरानी बाजार स्थित महावीरी अखाड़ा में बिहार जागृति संकल्प के तत्वावधान में आयोजित श्रीराम कथा प्रेम यज्ञ के पहले दिन कथा वाचिका हिमसुता ज्योत्सना पांडेय ने रामकथा के महत्व पर प्रकाश डाला। कहा कि देश को एकता के सूत्र में बांधने का काम रामचरित मानस करता है। राम कथा जीवन के सभी संशयों को दूर करने का काम करता है। राम कथा से सुंदर कोई ज्ञान नहीं है। मनुष्यों में राम कथा मर्यादा का पाठ सिखाता है। श्रद्धालु भक्त गण को बताया कि भगवान विष्णु के 24 अवतार हुए। जिसमें रामावतार व कृष्णावतार सबसे महत्वपूर्ण है। राम जन्म से लेकर अंतिम लीला तक मर्यादा के बंधनों को मजबूती प्रदान कर समाज की एक मर्यादा रेखा तय की। जिसको आत्मसात करके स्वस्थ, समृद्ध व खुशहाल समाज की स्थापना की जा सकती है। सुश्री पांडेय ने कहा कि जीवन में गुरु का महत्व सबसे ऊंचा है। गुरु के बिना ज्ञान नहीं मिल सकता। आधुनिक समय में भी राम कथा की प्रासंगिकता कायम है और आगे भी रहेगा। कहा कि जिसका तन, मन व धन पवित्र होता है, उसे तीनों लोकों का सुख मिलता है। मन की पवित्रता से ईश्वर की आराधना, कथा श्रवण पूजा पाठ आदि कार्य होता है। राम कथा कहने वाले चार तरह के होते हैं। पहला तुलसी जैसा, दूसरा भोलेशंकर जैसा, तीसरा कागभुशुण्डि व चौथा हमलोगों जैसा होता है। मौके पर बिहार जागृति संकल्प के अध्यक्ष रणवीर सिंह, यजमान गुड्डू प्रसाद, मुखिया दीनानाथ प्रसाद, उमेश चंद्र श्रीकांता, प्रमोद कुमार गुप्ता, प्रो.वीरेंद्र कुमार सिंह, चंद्रिका प्रसाद सिंह, त्रिपुरारी गुप्ता, डॉ. सुरेश सिंह, लक्ष्मण सिंह, नवलेश तिवारी, कृष्णमोहन सिंह, रोहित कुमार डालमिया, रजत कुमार जालान, विनोद कुमार गुप्ता, चितरंजन प्रसाद, जितेंद्र प्रसाद, विजय कुमार, अकिद्र सिंह, दीनानाथ तिवारी, दीनानाथ सिंह, प्रो. राजू सिंह, डॉ. श्रीकांत सिंह, अनुराग केडिया, आनंद कुमार, लक्ष्मण कुमार गुप्ता, दीपक कुमार, दशरथ कुमार, सुरेश दास, कृष्णमोहन पांडेय, रमेश प्रसाद सिंह, सुरेश प्रसाद समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।