आदेश के बावजूद कैशबुक उपलब्ध नहीं करा सका पंचायत सचिव
मोतिहारी। बिना काम कराए सड़क निर्माण मद की सरकारी राशि निकालकर मधुबन के मुखिया और त
मोतिहारी। बिना काम कराए सड़क निर्माण मद की सरकारी राशि निकालकर मधुबन के मुखिया और तत्कालीन पंचायत सचिव द्वारा गबन करने के मामले में बीडीओ के पास नौ दिन बीत जाने के बाद भी पंचायत सचिव द्वारा न तो जवाब दिया गया और न ही कैशबुक ही उपलब्ध कराया गया। इससे इलाके के लोगों में विभिन्न तरह की चर्चा आम है। यहां बता दें कि प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा इसको लेकर दो दिनों के अंदर जवाब तलब करते हुए सभी संबंधित कागजात उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। लोगों को आशंका है कि कहीं मामले को दबाने की तो कोशिश नहीं की जा रही है। बीडीओ द्वारा जारी पत्र के आठ दिन बीत जाने के बाद भी पंचायत सचिव द्वारा कैश बुक नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां बता दें कि प्रखंड क्षेत्र की तालिमपुर पंचायत में वित्तीय वर्ष 2016-17 के पंचम वित्त तथा 2018-19 के 14वें वित्त आयोग का रुपये के गबन करने का मामला चल रहा हैं। पंचायत में दोनों वित्त की राशि से मुखिया विशु साह और तत्कालीन पंचायत सचिव चक्रधारी राम द्वारा मिलीभगत कर पांच ग्रामीण पीसीसी सड़कों का निर्माण कागज पर ही दिखाकर करीब 19 लाख रुपये का गबन किया गया। इसके बाद पंचायत के एक सेवानिवृत्त बीसीओ रामाशंकर राम ने इस भ्रष्टाचार के विरूद्ध प्रखंड कार्यालय से लेकर अनुमंडलीय लोक शिकायत कार्यालय तक लंबी लड़ाई लड़ी। बाद में शिकायत की गई सड़कों की कई बार अधिकारी द्वारा जांच की गई और जांच प्रतिवेदन वरीय अधिकारी को सिपुर्द किया गया। भ्रष्टाचार में अपने को फंसता देख मुखिया ने प्रखंड से लेकर जिलाधिकारी तक डाक से पत्र प्रेषित किया। इसमें मुखिया ने दलील दी कि वह सीधा सादा व्यक्ति है, जिसका फायदा पंचायत सचिव ने उठाया और उससे सादा चेक पर हस्ताक्षर कराकर सरकारी राशि का गबन कर लिया। इस बीच 27 मई को मुखिया ने एक और पत्र जारी किया है, जिसमें बीडीओ पर ही गलत जांच प्रतिवेदन देने का आरोप लगा डीएम को दिये गये पत्र का वापस लेने की धमकी दी गई है।