बंदियों को मिलेगी ट्रे¨नग, जेल से निकलेंगे तो करेंगे रोजगार
अब बंदियों को हथकरघा और प्लंब¨रग के साथ सूत की कताई और बुनाई की ट्रे¨नग दी जाएगी।
मोतिहारी। अब बंदियों को हथकरघा और प्लंब¨रग के साथ सूत की कताई और बुनाई की ट्रे¨नग दी जाएगी। साथ ही उन्हें मकान में पानी का पाइप लाइन बिछाने से लेकर नल लगाने तक कौशल विकास योजना के तहत दिया प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस सिलसिले में स्थानीय जेल प्रशासन ने मुख्यालय को एक प्रस्ताव भेजा है। प्रशिक्षण के पहले चरण में दोनों तरह के प्रशिक्षण के लिए 30-30 बंदियों का चयन किया गया है। इस तरह से कुछ 60 बंदी इस प्रशिक्षण के बाद रोजगार पाने की स्थिति में होंगे। जेल से बाहर निकलने के बाद वे रोजगार प्राप्त कर सम्मान का जीवन जी सकेंगे। अपराध की दुनिया में वे नहीं जा सकेंगे। बताया गया है कि स्थानीय स्तर पर भेजे गए प्रस्ताव को जेल आइजी से हरी झंडी मिलनी है। हरी झंडी मिलने के साथ ही इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा।
छह महीने का होगा प्रशिक्षण मुख्यालय से अनुमति मिलने के बाद स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण के लिए इच्छुक बंदियों से आवेदन लिया जाएगा। तीस बंदी हथकरघा और 30 बंदी प्लंब¨रग के प्रशिक्षण में शामिल होंगे। इसमें वैसे बंदियों को प्राथमिकता दी जाएगी जो अनपढ़ हैं। ताकि, उन्हें हुनरमंद बनाया जा सके। छह महीने तक प्रशिक्षण चलेगा। इसकी तैयारी चल रही है। प्रशिक्षण बाद जेल में तैयार होगा खादी वस्त्र हथकरघा का प्रशिक्षण संपन्न होने के बाद संबंधित बंदियों को खादी वस्त्र के निर्माण में लगाया जाएगा। इसके लिए आवश्यक उपकरण जेल में लगाए जाएंगे। जेल में खादी वस्त्र का निर्माण किया जाएगा। फिर उसे बाजार में लाया जाएगा। कारा अधीक्षक ने कहा
कारा अधीक्षक ने मनोज कुमार ने कहा कि केंद्रीय कारा बंदियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। जेल में भी उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाएगा। यहां बंद करीब दो हजार बंदियों में से 60 बंदियों का चयन किया जाना है। जेल आइजी की अनुमति के बाद इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को दो सप्ताह में शुरू कर दिया जाएगा।