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चार रंगों के फूलगोभी का उत्पादन कर प्रभु सब्जी उत्पादकों को दिखा रहे समृद्धि की राह

मोतिहारी। खेती में नए-नए प्रयोग करना किसानों के लिए लाभकारी साबित होता है। अपनी मेहनत व लगन के बदौलत तुरकौलिया के सब्जी उत्पादक प्रभु साह ने चार रंगों के फूलगोभी का उत्पादन कर अन्य किसानों के लिए रोल मॉडल बन गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 11:24 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 11:24 PM (IST)
चार रंगों के फूलगोभी का उत्पादन कर प्रभु सब्जी उत्पादकों को दिखा रहे समृद्धि की राह
चार रंगों के फूलगोभी का उत्पादन कर प्रभु सब्जी उत्पादकों को दिखा रहे समृद्धि की राह

मोतिहारी। खेती में नए-नए प्रयोग करना किसानों के लिए लाभकारी साबित होता है। अपनी मेहनत व लगन के बदौलत तुरकौलिया के सब्जी उत्पादक प्रभु साह ने चार रंगों के फूलगोभी का उत्पादन कर अन्य किसानों के लिए रोल मॉडल बन गए हैं। विटामिन युक्त हाइटेक हार्टिकल्चर सिस्टम से उगाए गए फूलगोभी तुरकौलिया व आसपास के बाजारों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। वे अपनी खेतों में एक साथ उजला, पिला व बैगनी रंग के फूलगोभी व ब्रोकली की खेती कर रहे हैं। तुरकौलिया के बसवारिया टोला निवासी किसान प्रभु साह इस खेती से काफी उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक व आधुनिक तरीके से खेती की जाए तो आज भी हमारी खेत सोना उगलती है। वे पिछले 20 वर्षों से सब्जी की खेती करते हैं। वे हमेशा सब्जी के नए-नए भेराएटी की तलाश करते रहते हैं। उनके द्वारा उगाये गए पीले व बैगनी कलर के फूलगोभी उजले फूलगोभी के तुलना में स्वादिष्ट व पौष्टिकता से भरपूर है। बाजार में जहां उजले गोभी 20 रुपये बिकते हैं, वहीं पीले व बैगनी रंग के फूलगोभी 40 रुपये व ब्रोकली 40 से 50 रुपये बिकते हैं। वे करीब एक से डेढ़़ एकड़ जमीन में सब्जी की खेती कर प्रतिवर्ष 6 से 8 लाख रुपये की आय का सृजन कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे अपनी खेतों में कम्पोस्ट खाद का प्रयोग करते है तथा कीटनाशक की जगह घरेलू दवा व मिश्रण का छिड़काव करते हैं। उनका कहना है कि पिछले दो वर्षों से वे चार रंगों के गोभी का उत्पादन कर रहे हैं। बाजार में अब यह लोगों की पसंद बन रही है। मांग के अनुरूप वे उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। बताया कि उनकी इस खेती से प्रेरित होकर अन्य सब्जी उत्पादक किसान भी इस प्रकार की खेती प्रारंभ करने लगे हैं। उनका प्रयास रहेगा कि आने वाले समय में इस प्रकार के सब्जी को चंपारण व आसपास के क्षेत्रों में सहजता से पहुंचाया जा सके।

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