अब कुम्हारों को किया जाएगा हाईटेक, दिए जाएंगे इलेक्ट्रॉनिक चाक
मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए अब तक कुम्हार परंपरागत चाक का उपयोग करते आ रहे हैं। अब सरकारी स्तर पर उनको समृद्ध बनाने की कवायद की जा रही है। उनका कार्य आसान हो और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन हो इसके लिए विशेष प्रकार के चाक उपलब्ध कराए जाएंगे।
मोतिहारी । मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए अब तक कुम्हार परंपरागत चाक का उपयोग करते आ रहे हैं। अब सरकारी स्तर पर उनको समृद्ध बनाने की कवायद की जा रही है। उनका कार्य आसान हो और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन हो इसके लिए विशेष प्रकार के चाक उपलब्ध कराए जाएंगे। यह चाक इलेक्ट्रॉनिक होगा। इसे चलाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी। बताया गया कि राज्य निदेशक खादी ग्रामोद्योग आयोग द्वारा पूर्वी चंपारण में 5-6 जगहों पर 20 कुम्हारों को इलेक्ट्रॉनिक चाक का वितरण एवं प्रशिक्षण हेतु स्वीकृति की मांग की थी। इसके आलोक में जिला प्रशासन ने इसकी स्वीकृति दे दी है। इसके अलावा जिले के अलग- अलग छह क्षेत्रों में 120 कुम्हारों की सूची उपलब्ध कराने के लिए जिला पंचायत राज पदाधिकारी, डीपीएम जीविका तथा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया है। मनपसंद आकृति को कम समय में दे सकेंगे कुम्हार मिट्टी के बर्तन को बनाने के लिए कुम्हारों को लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। वहीं भारी भरकम चाक को चलाने के लिए भी कई प्रकार की परेशानी होती है। अब जो उन्हें चाक उपलब्ध कराए जाएंगे वे इलेक्ट्रॉनिक होने के साथ कई प्रकार की खूबियों वाले होंगे। इस चाक से कुम्हार कम वक्त में मनपसंद आकार के बर्तन बनाने के साथ आकर्षक डिजाइन भी बना सकेंगे। समय कम लगने से उनका उत्पादन बढ़ेगा व आकर्षक स्वरूप से इसकी मांग भी बाजार में बढ़ेगी। इसके लिए जिले के वैसे क्षेत्रों की तलाश की जा रही है जहां कुम्हार अधिक मात्रा में बर्तन का निर्माण करते हैं। इसके लिए चयनित कुम्हारों को इलेक्ट्रॉनिक चाक के चलाने के लिए विशेष प्रशिक्षण जल्द दिया जाएगा। वर्जन : फिलहाल 20 कुम्हारों को इलेक्ट्रॉनिक चाक देकर उन्हें प्रशिक्षण देने की स्वीकृति दी गई है। साथ ही जिले के 120 कुम्हारों को चिह्नित कर उनकी सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है। बाद में इन्हें भी प्रशिक्षण देकर यह सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। शीर्षत कपिल अशोक, जिलाधिकारी, पूर्वी चंपारण
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